सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को नहीं मिल रही मच्छरदानी
सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को मच्छरों के काटने से नींद पूरी नहीं हो पा रही है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, लेकिन मरीजों को मच्छरदानी नहीं दी जा रही है। इससे उनकी तबीयत...

दवा खाने के बाद सोने के बाद मच्छरों के काटने से नींद पूरी नहीं होने पर तबीयत ज्यादा खराब होने की बनी रहती है आशंका रोजाना सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डो में 60-70 मरीज होते हैं भर्ती गर्मी का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का बढ़ा प्रकोप, बचाव का उपाय नहीं (पेज तीन की लीड खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। सदर अस्पताल के वाडोंर् में भर्ती मरीजों को मच्छरदानी नहीं दी जा रही है। इस कारण रात में मच्छरों के काटने से मरीजों व उनके परिजनो की नींद पूरी नहीं हो पा रही है। नींद पूरी नहीं लेने से तबीयत और खराब होने की आशंका बनी रहती है। मच्छरों के काटने से भी बीमारी हो सकती है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। लेकिन, सदर अस्पताल के मरीजों को मच्छरों से बचाव करने के लिए मच्छरदानी नहीं मिल पाती है। सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों विकास कुमार व प्रमिला देवी का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा मच्छरदानी की व्यवस्था नहीं की गयी है। इससे कभी कभार मच्छरों के आने की संभावना बनी रहती है। हालांकि सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रसव, सिजेरियन, पुरुष,महिला व पीडियाट्रिक सहित अन्य भर्ती वार्ड की सभी खिड़की पर पतली जाली लगवाया है। लेकिन, गेट खुलने व बंद होने के दौरान मच्छर वार्ड में चले आते हैं। यही मच्छर दिन में छुप जाते हैं और रात में तंग करते हैं। मरीज के परिजनों सुदर्शन सिंह व राघव प्रसाद कहते हैं कि भर्ती वार्ड में डाक्टर द्वारा मरीज का बेहतर इलाज किए जाने पर अच्छी नींद की जरूरत पड़ती है। लेकिन, मच्छरों के डंक से यहां के मरीज त्रस्त हैं। मच्छरों से सुरक्षित रहने के लिए कुछ मरीज अपने घर से मच्छरदानी लाते हैं। सदर अस्पताल परिसर व वार्ड की बेहतर सफाई के बाद भी मच्छर हमला कर रहे हैं। इससे उन्हें परेशानी हो रही है। दवा खाने के बाद अच्छी नींद नहीं आने से उनके स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकते हैं। प्रतिदिन औसतन 70 मरीज होते हैं भर्ती भभुआ। सदर अस्पताल के विभिन्न भर्ती वार्डों में प्रतिदिन औसतन 70 मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। सदर अस्पताल प्रबंधन की सूची के अनुसार, सदर अस्पताल के महिला वार्ड में 15 मरीज, पुरुष वार्ड में 15 मरीज, सामान्य प्रसव में 20, सिजेरियन 20,पीडियाट्रिक, डेंगू व बर्न वार्ड में दस मरीज भर्ती किए जाते हैं। सदर अस्पताल के भर्ती वार्ड में मरीजों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाती है। सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा भर्ती मरीजों को दवा, बेड, कंबल, भोजन-नाश्ता भर्ती मरीजों को दिया जाता है।पीने की व्यवस्था मुफ्त में किया जाता है। हि.प्र. डेंगू मरीजों को देते हैं मच्छरदानी भभुआ। सदर अस्पताल में दस बेड वाले डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों को अस्पताल प्रबंधन द्वारा मच्छरदानी दी जाती है। क्योंकि डेंगू मरीज को काटने वाले मच्छर अगर दूसरे व्यक्ति को काटते हैं, तो वह व्यक्ति भी डेंगू संक्रमित हो सकता है। ऐसी स्थिति में डेंगू मरीजों को मच्छरदानी उपलब्ध कराना आवश्यक है। डेंगू वार्ड के सभी बेड पर मच्छरदानी उपलब्ध करायी जाती हैं। लेकिन, सदर अस्पताल के अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों को मच्छरदानी नहीं मिल पाती है। ऐसे में उन्हें परेशानी होती है। हि.प्र. अस्पताल प्रबंधन का दावा अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को मच्छरों के प्रकोप से बचाव के लिए खिड़की में लोहे की पतली जाली लगाई गई है। नाली में डीडीटी का छिड़काव कराया जाता है। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के सभी बेड को मखमली कपड़े से प्राइवेशी के लिए घेराबंदी की गयी है, ताकि अगल-बगल के मरीज एक-दूसरे को देख न सके। हालांकि अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि सदर अस्पताल के भर्ती वार्ड में नहीं के बराबर मच्छर हैं। कोट सदर अस्पताल के दस बेड वाले डेंगू वार्ड के सभी मरीजों को मच्छरदानी उपलब्ध करायी जाती है। अस्पताल के सभी वार्ड की खिड़की पर जाली लगाई गई है। जब कभी भर्ती मरीज मच्छरदानी मांगते हैं, तो उन्हें उपलब्ध कराई जाती है। डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल फोटो- 20 फरवरी भभुआ- 3 कैप्शन- सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बेड पर बिना मच्छरदानी के मरीज।
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