Hindi Newsबिहार न्यूज़भभुआIf water falls from the eye and the throat becomes dry then get it checked immediately ask doctor

आंख से पानी गिरता हो और गला सूखता हो तो तुरंत जांच कराएं (डॉक्टर से पूछें)

आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के पाठकों द्वारा कोरोना वायरस को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे हैं रामपुर पीएचसी के डॉ. प्रमोद...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआMon, 3 May 2021 08:00 PM
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आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान के पाठकों द्वारा कोरोना वायरस को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे हैं रामपुर पीएचसी के डॉ. प्रमोद कुमार।

सवाल: कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवहार नहीं करने के अलावा वायरस संक्रमण फैलने के अन्य क्या कारण हैं?

जवाब : कोविड उचित व्यवहार को अपनाकर बहुत हद तक वायरस और उसके नए स्वरूप को फैलने से रोका जा सकता है। जांच, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान, मरीजों को पृथक-वास में रखना और उनका सही उपचार करने जैसे पांच कदम वायरस के प्रसार को रोकने की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम हैं। इसके साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक एहतियात के कदमों को सख्ती से लागू कर वायरस के संक्रमण को रोका जा सकता है।

सवाल : क्या वायरस का नया स्वरूप संक्रमण की नयी लहर का कारण है?

जवाब : वायरस के स्वरूपों और इनकी मौजूदगी के बारे में उपलब्ध जानकारी व्यवस्थित नहीं है। ऐसे में हम सभी को मिलकर इस वायरस को फैलने से रोकना होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ‘वायरस उत्पत्ति कार्यकारी समूह के जरिए इसके नए स्वरूपों पर नजर रख रहा है। इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ‘सार्स-सीओवी-2 उत्परिवर्तन की पहचान और निगरानी के लिए एक खाका भी तैयार किया है। वायरस के नए स्वरूप को लेकर त्वरित एवं समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की जरूरत है।

सवाल: एसपीओ2 यानी ऑक्सीजन लेवल कितना होना चाहिए, किस परिस्थिति में मरीज को अस्पताल ले जाना चाहिए?

जवाब: एक नॉर्मल व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल 95-99 के बीच रहता है, यदि आपका एसपीओ टू 95 के नीचे जाता है तो सतर्क हो जाइए( घर पर इमरजेंसी ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं यदि एसपीओ टू 92 के नीचे जाता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर सलाह लें और भर्ती हो जाएं।

सवाल: कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर किन परिस्थितियों में दी जाती है?

जवाब: रेमडेसिविर उन मरीजों को दी जाती है जिन्हें लंग इन्वॉल्वमेंट बढ़ रहा हो, या फिर बुखार ना उतर रहा हो। जरूरत न पड़ने पर इसे लेना हानिकारक हो सकता है। क्योंकि इसकी वजह से लंग और हार्ट में सूजन आ सकती है।

सवाल: कोरोना से जुड़ा सबसे आम मिथक क्या है?

जवाब: कोरोना से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक है कि मुझे कोरोना नहीं हो सकता, लक्षण आने के बाद भी लोग सोच लेते हैं कि मौसमी वायरल बुखार है, या खांसी और सर्दी यूं ही हो गई है। यह देर से इलाज के लिए पहुंचने की सबसे बड़ी वजह बनती है। इसलिए जरूरी है कि यदि आपको एक भी लक्षण आए तो आप तुरंत टेस्ट कराएं।

सवाल: कोरोना वायरस से बचाव के लिए क्या उपाय अपनाएं?

जवाब : नियमित तौर पर साबुन से हाथ धोएं या फिर एल्कोहल वाले हैंड वॉश से हाथों की सफाई करें। कोई भी व्यक्ति जो खांस या छींक रहा हो उससे कम से कम छह फीट या दो मीटर की दूरी बनाए रखें। जो भी व्यक्ति खांस या छींक रहा होता है उसके कुछ ड्रॉपलेट्स नाक या मुंह से निकलते हैं, जिनमें वायरस रहता है।

सवाल: अब अंत में इसके अलावा कोरोना से सुरक्षित रहने के और कोई उपाय?

जवाब : हां है न। बार-बार अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें। घर-आंगन, आसपास की सफाई पर ध्यान दें। अगर आप रेस्पिरेट्री हाइजीन का पालन करते हैं तो खांसी-जुकाम और फ्लू होने की आशंका अपने आप कम हो जाती है। सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। संभव है तो रात में गरम पानी से गर्रारा करके ही सोएं।

फोटो- डॉ. प्रमोद कुमार, पीएचसी, रामपुर

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