न्यूनतम तापमान में गिरावट से बढ़ी ठंड, भोर में कुहासा (पेज चार की फ्लायर खबर)
कैमूर में ठंड में वृद्धि के कारण धान की कटनी में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। खेतों का पानी सूखने में समय लग रहा है, जिससे हार्वेस्टर से कटनी करने में समस्या आ रही है। अस्पतालों में मौसमजनित...
खेत का पानी नहीं सूखने पर हार्वेस्टर से धान की कटनी करने में होगी दिक्कत ठंड में वृद्धि होने से बीमार हो रहे लोग, सदर व अन्य अस्पतालों में आ रहे रोगी भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कैमूर के न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। न्यूनतम तापमान पर नजर डाली जाए तो 10 नवंबर को 18 डिग्री व 14 नवंबर को 15 डिग्री था, जबकि 18 नवंबर को 13 डिग्री तापमान है। अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है। 10 नवंबर को 32 डिग्री व 14 नवंबर को 30 डिग्री था, जबकि 18 नवंबर को 29 डिग्री तापमान है। 24 से 30 नवंबर तक बादल रहने की भी संभावना बन रही है। सोमवार को हवा की रफ्तार 5 से 10 किमी. प्रति घंटा दर्ज की गई। मौसम में उतार-चढ़ाव का असर आमजनों की सेहत पर पड़ रही है। धान की कटनी में भी विलंब होने की आशंका जताई जा रही है। शाम ढलने के साथ अधिकतम तापमान में गिरावट आने लगी। शाम में तीन बजे 28 डिग्री, चार बजे 26 डिग्री, पांच बजे 24 डिग्री तथा छह बजे 22 डिग्री तापमान रहा। सोमवार को अधिकतम 29 और न्यूनतम 13 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। हालांकि अधिकतम व न्यूनतम तापमान की यह स्थिति 21 नवंबर तक बने रहने की संभावना जताई जा रही है। लग्न में वाहन चालकों को परेशानी लग्न का दौर चल रहा है। शाम ढलने के बाद लोग बारात करने या तिलक चढ़ाने जा रहे हैं और सुबह या रात में ही लौट रहे हैं। ऐसी स्थिति खासकर 10-15 किमी. की परिधि वाले समारोह में देखा जा रहा है। ऐसी जगहों पर मित्र, रिश्तेदार, गांव-मुहल्ले के लोग खासकर बाइक से ही जाने की कोशिश करते हैं। लेकिन, बाइक से आने-जाने में सर्द हवा उन्हें परेशान कर रही है। रात व भोर में कोहरा भी रह रहा है। धान की कटनी करने में हो सकती है दिक्कत किसान लखन सिंह व धनराज कुशवाहा ने बताया कि धान की कटनी शुरू हो गई है। जिन खेतों में हार्वेस्टर से धान की कटनी करनी है, उसकी जमीन सूखी होना जरूरी है। फिलहाल खेत की मिट्टी गिली है। अभी दिन छोटा कर रहा है। धूप भी तीखी नहीं रह रही है। हवा तेज चलती और धूप तीखी होती तो मिट्टी सूखने की संभावना बनती। लेकिन, अभी ऐसा मौसम नहीं रहने से धान की कटनी करने में दिक्कत आने के साथ विलंब भी हो सकता है। मौसमजनित रोग के 200-250 मरीज आ रहे सदर अस्पताल में इन दिनों रोजाना 600-700 मरीज रोजाना आ रहे हैं। इनमें से 200 से 250 मरीज मौसमजनित बीमारी से पीड़ित रह रहे हैं। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में सर्दी, खांसी, बुखार, दर्द, डायरिया के मरीज पहुंच रहे हैं। सामान्य मरीजों की स्वास्थ्य जांच कर आवश्यक दवाएं दी जा रही है। लेकिन, जो गंभीर रह रहे हैं, उन्हें भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। पीडियाट्रिक, इमरजेंसी, एसएनसीयू आदि वार्डों में 25-30 मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। फोटो- 18 नवंबर भभुआ- 8 कैप्शन- भभुआ प्रखंड के सोनहन बाईपास रोड में स्थित खेत में सोमवार को लगी धान की फसल।
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