Hindi Newsबिहार न्यूज़भभुआFour crores spent on development in Khajura but no plan to get rid of floods page four second lead news

खजुरा में विकास पर चार करोड़ खर्च, पर बाढ़ से निजात का कोई प्लान नहीं (पेज चार की सेकेंड लीड खबर)

पेयजल, सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य की दिशा में हुआ है काम, पंचायत के सैकड़ों घरों में नहीं पहुंच पा रहा है पीने के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSat, 10 April 2021 08:30 PM
share Share

पेयजल, सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य की दिशा में हुआ है काम

पंचायत के सैकड़ों घरों में नहीं पहुंच पा रहा है पीने के लिए जल

इंट्रो

उत्तर प्रदेश के प्रवेश द्वार वाली खजुरा पंचायत में बाढ़ से निजात दिलाने के लिए कोई प्लान नहीं बन सका। मां कुलेश्वरी धाम से कुल्हड़िया महादलित बस्ती में जानेवाली सड़क नहीं बनी। जमुरनी में जलजमाव की समस्या बरकरार है। लेकिन, मुखिया का दावा है कि पेयजल, सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य की दिशा में काम हुआ है। वह यह भी कहते हैं कि कुछ काम कराना है।

दुर्गावती। एक संवाददाता

पंचायत के विकास पर मुखिया के माध्यम से करीब 4 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। विकास कार्य भी हुए हैं। लेकिन, समस्या ऐसी है, जो खत्म होने वाली नहीं है। इसी तरह की कुछ समस्याएं आज भी यहां बरकरार है। पंचायत के विभिन्न वार्डों में कई ऐसे लोग हैं, जिनके घरों में पेयजलापूर्ति नहीं हो रही है। हालांकि विकास कार्य की गुणवत्ता भी मायने रखता है, जिसपर प्रतिक्रिया होती रही है। मां कुलेश्वरी धाम का विकास नहीं हो सका। पइन की मरम्मत हुई, पर नलकूप चालू नहीं कराया गया। पर्यावरण व जल संरक्षण की दिशा में पहल की जा रही है।

परिचय

प्रखंड- दुर्गावती

पंचायत- खजुरा

ग्राफिक्स

कुल मतदाता- 7200

कुल आबादी- 15000

उपलब्धियां

- कर्मनाशा मुख्य नहर के पानी से लरमा मौजा में सिंचाई के लिए पइन की मरम्मत की गई। बंद नलकूप को ठीक कराएंगे।

- हर गांव में पेयजलापूर्ति की जा रही है। शौचालय का निर्माण हर घर में कराया गया है। स्वच्छता पर ध्यान दिया जा रहा है।

- मनरेगा से रोजगार मिला है। जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पौधरोपण व जल संरक्षण की दिशा में पहल हुई है।

नाकामियां

- नालियों का निर्माण हुआ, पर कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं रहा। जलजमाव व बाढ़ की समस्या से लोग त्रस्त रहते हैं।

- जमुरनी गांव में जलजमाव व मां कुलेश्वरी धाम मार्ग से कुल्हड़िया महादलित बस्ती तक रोड बनाने का काम नहीं हुआ।

- पंचायत सरकार भवन नहीं है। प्राचीन सरोवर में घाट व कुलेश्वर धाम का विकास, पेयजल का प्रबंध करना जरूरी है।

सड़क

डीडीयू रेल खंड व जीटी रोड से यह पंचायत जुड़ी है। खजुरा, सरैयां, कर्मनाशा बाजार, कुल्हड़िया जीटी रोड के बगल में है। लरमा व जमुरनी गांव कर्मनाशा मुख्य नहर पथ से जुड़ा हुआ है। लेकिन, मां कुलेश्वरी धाम मार्ग से कुल्हड़िया महादलित बस्ती तक जाने के लिए सड़क का निर्माण नहीं हो सका है।

नल-जल

खजुरा पंचायत के सभी गांवों के 13 वार्डों में पेयजलापूर्ति का प्रबंध किया गया है। लेकिन, कार्य मानक के अनुसार नहीं हुआ है। कुछ वार्डों में भूमिगत पाइप व टोंटी खराब पड़ी हैं, जिनकी मरम्मत नहीं कराई गई है। कुछ घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। खोदी गई गली की मरम्मत नहीं कराई जा सकी है।

बिजली

लरमा पंप कैनाल के लिए पावर सब स्टेशन है, जिससे बिजली आपूर्ति की जाती है। पंचायत के गांवों की कुछ गलियों में स्ट्रीट लाइट लगी हैं। अधिकतर गलियों में अंधेरा पसरा हुआ है। रात में ग्रामीणों को आने-जाने में भय बना रहता है। बिजली के बल पर ही खेती, होटल व अन्य कारोबार हो रहे हैं।

अस्पताल

पंचायत के कुल्हड़िया व खजुरा में उप स्वास्थ्य केंद्र है। कुल्हड़िया अस्पताल को विकसित किया जा रहा है। एएनएम की ड्यूटी लगती है। टीकाकरण का काम होता है। मरीजों को दवाएं भी दी जाती है। लेकिन, गंभीर रूप से घायल या बीमार लोगों के इलाज के लिए यहां समुचित प्रबंध नहीं है।

पंचायत भवन

खजुरा में नहीं है पंचायत सरकार भवन

खजुरा पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण नहीं किया गया है। पुराने पंचायत भवन में बैठकें व ग्रामसभा होती हैं, जिसमें गांव के विकास की योजनाएं पास की जाती हैं। पंचायत के लोगों को अपना काम कराने के लिए प्रखंड मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ती है, जिससे उन्हें परेशानी होती है।

सिंचाई के साधन

इस पंचायत के सभी गांवों के खेतों की सिंचाई लरमा पंप कैनाल, मनोहरपुर माइनर, कर्मनाशा मुख्य नहर व सहायक नहर के पानी से की जाती है। कुल्हड़िया गांव में राजकीय नलकूप है। इससे भी सिंचाई होती है। धड़हर पम्प कैनाल के बन जाने के बाद यह पंचायत सिंचाई के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगी। हालांकि यहां कि किसानों को बाढ़ की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। जब बरसात में बाढ़ आती है, तब फसल को बचा पाना मुश्किल हो जाता है।

रोजगार के अवसर

फैक्ट्री, व्यवसाय, योजना से पा रहे रोजगार

कुल्हड़िया में सीमेंट फैक्ट्री है। आरओ प्लांट भी है। कर्मनाशा में बाजार है। यूपी-बिहार की सीमा भी खजुरा में ही है। श्रीराम नवमी तिथि से एक माह के लिए यहां मेला लगता है। किसान खेती करते हैं। उक्त प्रतिष्ठान से लोगों को रोजगार मिल रहा है। पंचायत के युवक स्टेशन, जीटी रोड, बाजार, यूपी-बिहार सीमा आदि जगहों पर कारोबार कर रहे हैं। किसानों की उपज भी आसानी से बाजार में पहुंच जाती है, जिससे उनके उत्पाद के अच्छे दाम मिल जा रहे हैं। सरकारी योजनाओं से भी स्थानीय मजदूर रोजगार पा रहे हैं।

नाली-गली

खजुरा पंचायत के गांवों में पक्की नाली-गली योजना से काम हुआ है। लेकिन, कुछ गांव की गलियों में जलनिकासी के लिए नाली का निर्माण नहीं किया जा सका है। इस कारण वहां के ग्रामीणों को जलजमाव की समस्या का सामना करना पड़ता है। सूखा मौसम में भी पानी जमा रहता है। बरसात में मुश्किलें बढ़ जाती है। तब बाढ़ व जलजमाव से संक्रमण फैलने का डर बना रहता है। हालांकि पंचायत के मुखिया भी यह स्वीकारते हैं कि कुछ गलियों ने नाली बनानी है।

कोट

योजनाओं की राशि का बंदरबांट किया गया है, जिससे गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं हुआ है। इसका उदाहरण नल-जल, नाली-गली योजना है।

संजय मल्होत्रा, प्रतिद्वंद्वी

फोटो- संजय मल्होत्रा

कोट

पंचायत के सभी गांवों में सड़क, पक्की नाली-गली, पेयजल का प्रबंध किया गया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सिंचाई के बेहतर प्रबंध हैं।

सौरव पासवान, मुखिया

फोटो- सौरव पासवान

फोटो- 10 अप्रैल भभुआ- 5

कैप्शन- यूपी-बिहार की सीमा खजुरा में इसी पुल से होता है दोनों राज्यों में आवागमन।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें