पशु अस्पताल परिसर में गंदगी, अफसरों व कर्मियों के क्वार्टर बदहाल (बोले भभुआ)
भभुआ के पशु अस्पताल परिसर में गंदगी फैली हुई है, जहां लोग मल-मूत्र त्याग रहे हैं और आसपास के घरों से गंदा पानी आ रहा है। परिसर में आवारा पशु घूमते हैं और नशेड़ियों का जमावड़ा रहता है। अधिकारियों को इस...
परिसर में मल-मूत्र त्यागकर फैला रहे गंदगी, आसपास के लोग फेंकते हैं कचरा अस्पताल परिसर के आसपास के घरों से निकलने वाला गंदे पानी का है ठहराव भभुआ, एक प्रतिनिधि। व्यवहार न्यायालय के पुराने भवन के बगल एवं अनुमंडल पदाधिकारी आवास के सामने जिला पशु चिकित्सालय है। इसके परिसर में जाने के लिए उत्पाद थाना से राह तय करनी पड़ती है। अस्पताल परिसर में पहुंचते ही नाक के नथुनों से दुर्गंध टकराई। इधर-उधर नजर दौड़ाई गई तो, जहां-तहां गंदगी पसरी दिखी। इसके लंबे-चौड़े परिसर में आवारा पशु घूम रहे थे। वहां का दृश्य देख ऐसा लगा कि लोग इसी परिसर में मल-मूत्र का त्याग कर होंगे। आसपास के मोहल्लों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी पशु अस्पताल परिसर में पसरा दिखा। इसी परिसर में कचरा फेंका जा रहा है। पशु अस्पताल के अधिकारियों व कर्मियों के रहने के लिए बनाए गए क्वार्टर बदहाल हो गए हैं। इस परिसर में खड़े पशुपालन विभाग के अन्य भवन भी बदहाल दिखे। हालांकि विभाग द्वारा इसी परिसर में नया भवन बनाकर मवेशियों इलाज किया जा रहा है। दफ्तर में अधिकारी व कर्मी काम भी कर रहे हैं। लेकिन, गंदगी परिसर में इस कदर फैली है कि लोग जाने से कतरा रहे हैं। अस्पताल परिसर की सफाई नहीं होने से यहां गंदगी पसरी है। यहां मिले राजीव कुमार व अजय सिंह ने बताया कि अस्पताल परिसर में पूरे दिन नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। जुआरी भी यहां ताश खेलते नजर आते हैं। इससे यहां का माहौल खराब हो रहा है। इधर होकर स्कूल-कॉलेज में पढ़ने के लिए बच्चे जाते हैं। बालमन चंचल होता है। अगर वह इनकी संगत में पड़ गए तो इन्हें रास्ते पर लाने में दिक्कत होगी। हालांकि अभिभावक इन चीजों पर नजर रखते हैं। लेकिन, विभाग के अधिकारियों को भी चाहिए कि इस सरकारी परिसर में अवैध कार्य को रोकने की दिशा में पुलिस प्रशासन को पत्र लिखें। शाम ढलने पर परिसर से आने-जाने पर डर लगता है पशु अस्पताल परिसर होते हुए मुख्य पथ की ओर जा रहे मनोज कुमार सिंह, सुषमा कुमारी, ममता सिंह, आशा कुमारी, मिनाक्षी पांडेय ने बताया कि उनका घर छावनी मोहल्ले में है। स्टेडियम की तरफ कुछ काम है। हमलोग उधर ही जा रहे हैं। मुख्य रास्ता से होकर जाने पर दूसरी ज्यादा हो जाएगी। अस्पताल परिसर में गंदगी इतनी ज्यादा है कि इधर से आने की इच्छा नहीं होती, पर मजबूरी है। परिसर में फैली गंदगी से बदबू आ रही है। शाम ढलने के बाद इस रास्ते से आने में भय लगता है। क्योंकि चारों तरफ नशेड़ी बैठे रहते हैं। आने-जाने में दिक्कत समझ में आती है। परिसर में पसरे हैं उपले व पशुओं के मल-मूत्र पशु अस्पताल परिसर में पूरे दिन आवारा पशु घूमते रहते हैं। इसकी चहारदीवारी कई जगह से टूटी हुई है। इसी टूटे स्थल से मवेशी घुस जाते हैं। वह परिसर में मलमूत्र त्याग कर गंदगी फैला रहे हैं। आसपास के पशुपालक इसी परिसर में उपला ठोंकते हैं। ऐसे में लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। इस समस्या से विभाग के अधिकारी व कर्मी भी परेशान रहते हैं। लेकिन, पशुपालन विभाग द्वारा इस समस्या के समाधान की दिशा में पहल नहीं की जा रही है, जिससे घरों का कचरा फेंकन, घरों का गंदा पानी गिराने, जुआरी व नशेड़ियों द्वारा यहां अड्डा जमाया जा रहा है। पशुपालक भी रहते हैं परेशान अस्पताल परिसर में मिले जावेद अंसारी व नसीम गद्दी आदि ने बताया कि आप जिधर नजर दौड़ाएंगे उधर गंदगी दिखेगी। आवारा पशुओं के साथ आमजन भी यहां मल-मूत्र का त्याग कर रहे हैं, जिससे काफी दिक्कत हो रही है। गंदगी से निकल रही दुर्गंध से यहां खड़ा होना मुश्किल हो जाता है। मवेशियों का इलाज कराने आनेवाले पशुपालक भी परेशानी झेलते हैं। लेकिन, वह यह सोंचकर कुछ नहीं कहते हैं कि वह तो चंद समय के लिए यहां आए हैं, फिर लौट जाएंगे। कोट आसपास के घरों से निकलनेवाला गंदा पानी पशु अस्पताल परिसर में आता है। पुराने भवन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कचरा भी पसरा है। भवन निर्माण कराने के लिए विभाग को पत्र लिखा जाएगा। डॉ. चंद्रशेखर आजाद, जिला पशुपालन पदाधिकारी फोटो- 18 जनवरी भभुआ- 1 कैप्शन- भभुआ के पशु अस्पताल परिसर में शनिवार को पसरी दिखती गंदगी।
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