कैमूर के किसान पहली बार जिले में करेंगे नारियल की खेती (एक्सक्लूसिव पेज चार की लीड खबर)
कैमूर जिले में 30 किसानों को नारियल के 800 पौधे दिए गए हैं। उद्यान विभाग ने 75 प्रतिशत अनुदान पर यह पौधे बांटे हैं। किसानों को नारियल की खेती से कई लाभ होंगे, जैसे पूजा, नारियल पानी, जैविक खाद, और...
उद्यान विभाग की ओर से अनुदान पर किसानों को दिए गए हैं नारियल के पौधे कच्चा व पका नारियल बेच सकते हैं किसान, कालीन भी बनता है छिलका से 75 प्रतिशत अनुदान पर बांटे गए नारियल के पौधे भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कैमूर के किसान पहली बार नारियल की खेती करेंगे। इसके लिए उद्यान विभाग द्वारा प्रयोग के तौर किसानों से इसकी खेती कराई जा रही है। जिले के 30 किसानों के बीच 800 नारियल पौधे बांटे गए हैं। नारियल विकास योजना के तहत किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर नारियल के पौधे दिए गए। एक पौधे का दाम 85 रुपया है। किसानों से 21.25 रुपए लेकर पौधे दिए जा रहे हैं। यानी 63.75 रुपए की सब्सिडी दी गई है। किसान राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने खेत के मेढ़ व निजी पोखरा के पिंड पर नारियल के पांच पौधे रोपे हैं। नारियल की खेती करने का काफी लाभ है। पका नारियल पूजा करने, नारियल पानी पीने, तेल, सूखा मेवा, चटनी, मिठाई, जैविक खाद बनाने के काम में आता है। इसके छिलका से कालीन, पायदान, रस्सी तैयार कर सकते हैं। इसकी खेती से कई फायदे हैं। छिलका बर्तन धोने, बावासीर, चोट लगने, दांत साफ करने आदि के काम में आता है। किसान खेत के खाली मेढ़ व पोखरा के पिंड पर पौधे रोपने के बाद भी दो-तीन फसलों की उपज आसानी से कर सकेंगे। जिले में पहली बार नारियल की खेती के लिए राज्य सरकार ने नारियल विकास योजना शुरू की है। प्रयोग के तौर पर शुरू कराई गई नारियल की खेती को सफलता मिलती है, तो इसका विस्तार किया जा सकता है। किसान रघुनाथ यादव व नरेंद्र सिंह ने बताया कि वह पहली बार नारियल की खेती कर रहे हैं। अगले साल ज्यादा भूमि में पौधे रोपेंगे। नारियल में पाए जाते हैं पोषक तत्व नारियल के छिलकों में नाइट्रोजन, फास्फोरस, कॉपर, पोटैशियम, जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। नारियल का ज्यादातर उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। मंदिरों में इसे प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। नारियल की बली भी दी जाती है। छिलका से खाद बनाकर पौधों को संपूर्ण पोषण दिया जा सकता है। चोट लगने के बाद होनेवाली सूजन से दूर किया जा सकता है। छिलका को सूखाकर पाउडर बनाएं। पाउडर को हल्दी के साथ मिलाकर शरीर के सूजन वाले हिस्से पर लगाने से लाभ मिलेगा। दांत का पीलापन हो सकता है दूर नारियल का छिलका दांतों के पीलेपन को भी दूर कर सकता है। छिलकों को जलाकर उसका पाउडर बना लें। पाउडर में सोडा मिलाएं और फिर दांतों पर अच्छे से लगाएं। इस नुस्खे से दांतों का पीलापन दूर हो सकता है। नारियल का छिलका बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। बालों को काला रखने के लिए इसके छिलका को कढ़ाई में भुन लें। फिर इसका पाउडर तैयार करें। पाउडर को नारियल तेल के साथ मिलाएं और बालों में लगाएं। इस बीमारी में आता है काम नारियल का छिलका बवासीर को ठीक कर सकता है। छिलके को जलाकर इसका पाउडर तैयार करे। पाउडर का रोजाना पानी के साथ खाली पेट सेवन करें। इससे बवासीर की दिक्कत को दूर करने में मदद मिलेगी। पीरियड्स के असहनीय दर्द से भी छुटकारा मिल सकता है। छिलके को जलाकर पाउडर तैयार करें। फिर इस पाउडर का पीरियड्स के दौरान पानी के साथ सेवन करना है। अगर इससे जरा भी एलर्जी महसूस हो तो इसका इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें। कोट पहली बार जिले के 30 किसानों से नारियल की खेती शुरू कराई गई है। इन किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया गया है। किसानों के बीच 800 पौधों का वितरण किया गया है। डॉ. अभय कुमार गौरव, जिला उद्यान पदाधिकारी फोटो- 18 दिसंबर भभुआ- 2 कैप्शन- उद्यान कार्यालय परिसर में एक किसान को अनुदानित दर पर नारियल को पौधा देते जिला उद्यान पदाधिकारी डॉ. अभय कुमार गौरव।
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