भगवान ने राजा बलि का तोड़ा था अभिमान: परमानंद शरण
बसिनी गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन वृंदावन से आए कथावाचक परमानंद शरण शास्त्री जी ने राजा बलि और भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर विचार प्रस्तुत किया। कथा में भक्तजन बड़ी...
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बसिनी गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कही विभिन्न गांवों से कथा श्रवण करने बसिनी गांव पहुंच रहे हैं भक्तजन (पेज चार) रामपुर, एक संवाददाता। प्रखंड के बसिनी गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन वृंदावन से आए कथावाचक परमानंद शरण शास्त्री जी ने गजेन्द्र मोक्ष, वामन व राजा बलि प्रसंग एवं भगवान श्रीकृष्ण की जन्मलीला आदि आधारित प्रसंग का व्याख्यान किया। उन्होंने राजा बलि प्रसंग का व्याख्यान करते हुए कहा कि राजा बलि को यह अभिमान था कि उसके बराबर सामर्थ्य इस संसार में कोई नहीं है। भगवान ने राजा बलि का अभिमान चूर करने के लिए वामन का रूप धारण किया और भीक्षा मांगने राजा बलि के पास पहुंच गए। उन्होंने कहा अभिमान से चूर राजा ने वामन को उसकी इच्छानुसार दक्षिणा देने का वचन दिया। वामन रूपी भगवान ने राजा से दान में तीन पग भूमि मांगी। राजा वामन का छोटा स्वरूप देख हंसा और तीन पग धरती मापने को कहा। इसके बाद भगवान ने विराट रूप धारण कर एक पग में धरती-आकाश, दूसरे पग में पाताल माप लिया और राजा से अपना तीसरा पग रखने के लिए स्थान मांगा। प्रभु का विराट रूप देख राजा का घमंड टूट गया और वह दोनों हाथ जोड़कर प्रभु के आगे नतमस्तक होकर बैठ गया और तीसरा पग अपने सिर पर रखने की प्रार्थना की। उन्होंने भोजवंशी राजा उग्रसेन, कंस अपनी बहन देवकी का भी प्रसंग श्रद्धालुओं को सुनाया और सभी जीव से प्रेम करने की प्रेरणा दी। श्रीमद्भगवत कथा का श्रवण करने के लिये के श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है। कथा के मुख्य यजमान सुनील कुमार सिंह व पत्नी पुष्पा सिंह हैं। मौके पर संदीप कुमार सिंह, अनिल सिंह आदि थे। फोटो- 05 फरवरी भभुआ- 13 कैप्शन- रामपुर के बसिनी गांव में गुरुवार को भागवत कथा श्रवण करते महिला-पुरुष श्रद्धालु।
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