पांच हजार अधिकारी व कर्मी नहीं दे सके संपत्ति का ब्योरा
सरकार द्वारा निर्धारित तिथि पर नहीं दी गई संपत्ति की ऑनलाइन जानकारी 20 फरवरी तक देना था चल-अचल संपत्ति का ब्योरा, हो सकती है कार्रवाई
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सरकार द्वारा निर्धारित तिथि पर नहीं दी गई संपत्ति की ऑनलाइन जानकारी 20 फरवरी तक देना था चल-अचल संपत्ति का ब्योरा, हो सकती है कार्रवाई (पेज चार की फ्लायर खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान संवाददाता। कैमूर जिले में विभिन्न विभागों के करीब पांच हजार अधिकारी व कर्मी अपनी संपत्ति का ब्योरा देने में पिछड़ गए। सरकार ने संपत्ति का ऑनलाइन ब्योरा देने के लिए 20 फरवरी तक तिथि निर्धारित कर इसकी जानकारी अफसरों व कर्मियों को स्थापना शाखा के माध्यम से दिलवाई थी। प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कैमूर जिले में 7000 अफसर व कर्मी कार्यरत हैं। इनमें से अबतक 2000 ही अधिकारी व कर्मी अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा दिए हैं। अभी पांच हजार कर्मियों को ब्योरा देना है। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले अफसर एवं कर्मी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। सरकार से जारी पत्र के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा समय पर संपत्ति का ब्योरा नहीं प्रस्तुत करने वाले अफसरों व कर्मचारियों को नोटीस भी दिया गया है। जबकि पूर्व में कैमूर जिले के कई अफसरों व कर्मियों का वेतन भी रोका गया था। विभाग के इस कदम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की आय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ भ्रष्टाचार पर नकेल कसना है। इससे यह स्पष्ट होगा कि सरकारी कर्मियों की आय का स्रोत वैध है। हालांकि डीएम सावन कुमार, डीडीसी ज्ञान प्रकाश सहित जिले के अधिकतर विभागों के अधिकारी व कर्मचारी सरकार के समक्ष अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा प्रस्तुत कर चुके हैं। जिले के वरीय अधिकारियों ने बताया कि सरकारी अफसरों व कर्मिचारियों को संपत्ति का ब्योरा देना इसलिए जरूरी होता है, ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके। साथ ही शिकायतों की जांच की जा सके। संपत्ति की जानकारी देने से पदोन्नति में भी मदद मिलती है। संपत्ति का ब्योरा देने का नियम भभुआ। प्रशासनिक अधिकारी बताते हैं कि केन्द्रीय सिविल सेवा आचरण नियमावली के नियम 1964 के मुताबित सरकारी कर्मचारियों को अपने नाम या परिवार के किसी सदस्य के नाम पर अचल संपत्ति का लेन-देन करने से पहले संबंधित प्राधिकार को सूचना देनी होती है। बिहार सरकार के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा जिला प्रशासन को देना होता है। इस ब्योरे को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। इसी ब्योरे के आधार पर अफसरों व कर्मियों की पदोन्नति की जाती है। ब्योरा नहीं देने पर रूकेगी पदोन्नति भभुआ। संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले अफसरों व कर्मियों की परेशानी बढ़ सकती है। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो संपत्ति की जानकारी नहीं देने पर सरकार व संबंधित विभाग द्वारा पदोन्नति से वंचित किया जा सकता है। अगर कोई अधिकारी व कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। फोटो-21 फरवरी भभुआ- 8 कैप्शन- समाहरणालय परिसर में स्थित कार्यालय में शुक्रवार को कामकाज करते कर्मी।
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