Hindi NewsBihar NewsBhabua NewsChild Specialist Shortage in Kaimur Hospitals Struggle with Rising Pediatric Illnesses

जिले के सरकारी अस्पतालों में शिशु रोग विशेषज्ञ काफी कम (पेज चार की लीड खबर)

रामगढ़, दुर्गावती, अधौरा, चैनपुर, कुदरा, चांद, नुआंव, भगवानपुर और रामपुर के अस्पतालों में बाल रोग विशेषज्ञों की कमी है। ठंड के मौसम में रोजाना औसतन 200 बच्चे बीमार हो रहे हैं। जिले में 16 स्वीकृत पदों...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआFri, 27 Dec 2024 08:27 PM
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रामगढ़, दुर्गावती, अधौरा, चैनपुर, कुदरा, चांद, नुआंव, भगवानपुर व रामपुर के अस्पतालों में नहीं हैं बाल रोग विशेषज्ञ, कोल्ड डायरिया, हाइपोथर्मिया, बुखार, सर्दी, खांसी पीड़ित बच्चे रोज आ रहे अस्पताल ठंड से परेशान बच्चे हो रहे हैं बीमार, चिंतित परिजन इलाज कराने में हो रहे परेशान ग्राफिक्स 16 शिशु रोग विशेषज्ञ के जिले में है स्वीकृत पद 10 शिशु रोग विशेषज्ञ की सीट रह गई हैं रिक्त भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कैमूर में लाखों बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा छह शिशु रोग विशेषज्ञों के भरोसे रह गया है। जिले में शिशु रोग विशेषज्ञों की भारी कमी है। यहां के रामगढ़, दुर्गावती, अधौरा, चैनपुर, कुदरा, चांद, नुआंव, भगवानपुर व रामपुर के अस्पतालों में शिशु रोग विशेषज्ञ है ही नहीं। जबकि जिले के अस्पतालों में कोल्ड डायरिया, हाइपोथर्मिया, वायरल बुखार, डायरिया, सर्दी, खांसी से पीड़ित औसतन 200 बच्चे रोजाना स्वास्थ्य जांच व इलाज के लिए आ रहे हैं। सदर अस्पताल की एसएनसीयू इकाई में भी प्रतिदिन 20 से 25 नवजात भर्ती किए जा रहे हैं, जिनका इलाज वहां के चिकित्सक कर रहे हैं। जिले में 0 से 12 वर्ष आयु उम्र के बच्चों की आबादी चार लाख से ज्यादा होगी। इन बच्चों के स्वास्थ्य की जांच व इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में मात्र छह शिशु रोग विशेषज्ञ कार्यरत हैं। जबकि कैमूर में बाल रोग विशेषज्ञों के 16 पद स्वीकृत हैं। बताया गया है कि जब यह पद स्वीकृत किए गए थे, तब जिले में बच्चों की संख्या कम थी। बताया गया है कि कैमूर जिले के भभुआ व मोहनियां के अस्पतालों में छह बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत हैं। अभी ठंड के मौसम में रोजाना विभिन्न रोग के नए मरीज सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य की जांच व इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। सदर अस्पताल सहित विभिन्न अस्पतालों के ओपीडी के रजिस्ट्रेशन व दवा काउंटर पर मरीजों की लंबी कतार लग रही है। जबकि सिर्फ सदर अस्पताल में उल्टी, दस्त, कोल्ड डायरिया, हाइपोथर्मिया, वायरल बुखार, निमोनियां व डायरिया से पीड़ित औसतन 50 बच्चे रोजाना स्वास्थ्य जांच व इलाज के लिए आ रहे हैं। यहां कार्यरत हैं शिशु रोग विशेषज्ञ भभुआ। सदर अस्पताल परिसर स्थित विशेष नवजात देखभाल इकाई में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना द्विवेदी, डॉ. महताब आलम, डॉ. अशोक दुबे, डॉ. त्रिभुवन नारायण व संविदा से डॉ. निशांत सिंह कार्यरत हैं। डॉ. अर्चना द्विवेदी ने शुक्रवार को 22 भर्ती बच्चों के अलावा 45 सामान्य रोग के बच्चों की स्वास्थ्य जांच की थी। जिले के मोहनियां अनुमंडलीय अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के दो पद स्वीकृत हैं, जिसमें डॉ. प्रेम शंकर सिंह कार्यरत हैं, जबकि एक पद रिक्त है। गंभीर बच्चों को भर्ती कर किया जा रहा इलाज भभुआ। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि वायरल बुखार व डायरिया से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए मेट्रोन, सीप्रो, ओआरएस, आरएल दवा सदर अस्पताल में उपलब्ध है। अस्पताल में आने वाले गंभीर किस्म के बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। ओपीडी स्थित काउंटर पर शुक्रवार को 125 तरह की दवाएं उपलब्ध थीं। ओपीडी काउंटर पर इतनी ही तरह की दवाएं रहनी चाहिए। हि.प्र. कोट जिले में शिशु रोग विशेषज्ञों की कमी है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है। हालांकि जिले के अस्पतालों में आने वाले कोल्ड डायरिया, वायरल बुखार, निमोनिया सहित विभिन्न बीमारियों से पीड़ित बच्चों की स्वास्थ जांच व इलाज डाक्टरों द्वारा किया जा रहा है। डॉ. शान्ति कुमार मांझी, सिविल सर्जन, कैमूर फोटो 27 दिसंबर भभुआ- 9 कैप्शन- सदर अस्पताल के एसएनसीयू के ओपीडी में शुक्रवार को बीमार बच्चे की स्वास्थ्य जांच करतीं बाल रोग विशेषज्ञ।

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