Hindi NewsBihar NewsBhabua NewsBumper Rice Yield in Kaimur Farmers Expect 98 7 Lakh Quintals from 1 41 Lakh Hectares

कैमूर के किसानों ने 22 अरब रुपए के धान का किया उत्पादन (एक्सक्लूसिव/पेज चार की बॉटम खबर)

कैमूर के किसानों ने इस वर्ष धान की बंपर उपज की है। 1.41 लाख हेक्टेयर भूमि में लगभग 98.70 लाख क्विंटल धान की उपज होने की संभावना है। कृषि विभाग ने साधारण धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपए और ए ग्रेड का...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआTue, 17 Dec 2024 10:37 PM
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कृषि व सांख्यिकी विभाग की टीम द्वारा क्राप कटिंग के बाद आंकलन से चला उपज का पता घर में खाने भर रखकर क्रय केंद्र व व्यापारियों के हाथों धान की बिक्री कर देंगे जिले के किसान भभुआ, हिन्दुस्तान संवाददाता। कैमूर के किसानों ने इस वर्ष धान की बंपर उपज की है। जिले के किसानों ने इस वर्ष 1.41 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की खेती की थी। कृषि विभाग के अफसर की माने तो इतनी हेक्टेयर भूमि में लगभग 98.70 लाख क्विंटल धान की उपज होने की संभावना है। इस आंकड़े का पता तब चला जब सांख्यिकी व कृषि विभाग द्वारा किसानों के खेतों में रोपी गई धान की फसल की क्रॉप कटिंग कराई गई। सांख्यिकी विभाग की क्रॉप कटिंग में एक हेक्टेयर भूमि में लगभग 70 क्विंटल धान की उपज हुई है। ऐसे में कैमूर के किसानों ने इस बार लगभग 22 अरब 70 करोड़ 10 लाख रुपए के धान की उपज की है। सरकार ने इस वर्ष साधारण धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपए और ए ग्रेड धान का समर्थन मूल्य 2330 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। कृषि प्रधान कैमूर जिले के किसान खेती के पैसों की बदौलत अपनी बेटियों के हाथ पीले करने, बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने, परिवार के बीमार सदस्यों का इलाज कराने, घर-मकान बनाने व अन्य कार्य करते हैं। रबी फसल की खेती भी इन्हीं पैसों से करते हैं। इस वर्ष सिर्फ मैदानी भाग ही नहीं पहाड़ी क्षेत्र में भी धान की अच्छी उपज हुई है। जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कृषि विभाग ने इस वर्ष कैमूर की 88000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले वर्ष करीब 77 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई थी। इसके अलावा करीब 16000 हेक्टेयर भूमि में चना, मसूर, मक्का, खेसारी, सरसों, तीसी आदि फसलों की खेती होगी। अगर समय से फसल की बुआई हुई और मौसम एवं नहर के पानी ने साथ दिया और खाद की कमी नहीं हुई तो रबी फसल की भी उपज अच्छी होने की संभावना जताई जा रही है। किसानों पर टिकी है जिले की अर्थव्यवस्था कैमूर के किसानों के कंधे पर जिले की अर्थ-व्यवस्था टिकी है। यहां की करीब 85 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। जिस वर्ष फसल की उपज अच्छी हुई, उस वर्ष बाजार की चमक भी बढ़ जाती है। कारोबारियों का व्यवसाय बढ़ता है तो बैंकों में लेनदेन का दौर भी जारी रहता है। इस वर्ष जब फसल की उपज अच्छी थी, तो किसानों ने दशहरा, धनतेरस, दीपावली व छठ पर्व खुशी से मनाया और बाजार से अपनी जरूरत की चीजों की भी खरीदारी की। वैज्ञानिक विधि से ज्ञात होती है उपज दर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि वैज्ञानिक विधि से फसल की उपज दर ज्ञात की जाती है। रैंडम विधि से खेत का रकबा निर्धारित कर फसल की क्रॉप कटिंग की जाती है। पंचायत व अंचल स्तर पर इसका प्रयोग किया जाता है। बाढ़-सुखाड़ के दौरान इसी के आधार पर फसल के नुकसान का आंकलन किया जाता है, जिसकी क्षतिपूर्ति बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत की जाती है। कोट कैमूर जिले में इस वर्ष धान की पैदावार अच्छी हुई है। खरीफ के बाद जिले के किसान रबी फसल की खेती में युद्ध स्तर पर जुट गए हैं। मौसम ने साथ दिया तो इस बार रबी फसल की उपज भी बंपर होगी। रेवती रमण, जिला कृषि पदाधिकारी फोटो- 17 दिसम्बर भभुआ- 6 कैप्शन- भगवानपुर प्रखंड के गोबरछ गांव के खलिहान में मंगलवार को धान की ओसनी करते किसान व मजदूर।

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