भागवत कथा के बिना जीवों का उद्धार संभव नहीं: शास्त्री
श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराने के दौरान बसिनी में भागवत महात्म्य पर बोले बसिनी गांव में कथावाचक ने कृष्ण लीला व भगवान की भक्ति पर की चर्चा
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श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराने के दौरान बसिनी में भागवत महात्म्य पर बोले बसिनी गांव में कथावाचक ने कृष्ण लीला व भगवान की भक्ति पर की चर्चा (पेज चार) रामपुर, एक संवाददाता। स्थानीय सुनाव गांव में शुरू सात दिवसीय भागवत कथा के दौरान गुरुवार की रात जयराम शास्त्री ने भागवत महात्म्य पर प्रकाश डाला और कहा कि जीवों को भागवत कथा के बिना उद्धार नहीं हो सकता है। इसके शरण में जाने के बाद जीव को शांति मिलती है। भागवत कथा श्रवण मात्र से राजा परीक्षित को ऋषि शृंगी के शाप से मुक्ति मिली थी। मुख्य यजमान कामेश्वर तिवारी है। उधर, बसिनी में चल रहे भागवत कथा के छठे दिन परमानंद शास्त्री जी ने कहा कि भगवान को कोई नहीं बांध सकता है। अगर कोई बांध भी सकता है तो भक्त ही। जैसे की भगवान कृष्ण के नट खट से परेशान होकर माता यशोदा ओखली में बांधना चाह रही थी। जब भी बांधने का प्रयास किया रस्सी दो अंगुल छोट हो जा रही थी। इस प्रकार माता यशोदा परेशान हो गई। जब माया हटा और भगवान के प्रति प्रेम जगा तो स्वयं बंध गए। उन्होंने कृष्ण लीला का भी वर्णन किया। फोटो-07 फरवरी भभुआ- 10 कैप्शन- रामपुर प्रखंड के बसिनी में भागवत कथा के दौरान शुक्रवार को भगवान श्रीकृष्ण की आरती करते यजमान व अन्य। कुड़ारी में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया रामपुर। प्रखंड के कुड़ारी में गुरुवार की रात सरस्वती पूजा को लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका संचालन शेखर उपाध्याय ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने एक से बढ़ कर एक भक्ति गीत प्रस्तुत किया। कलाकारों ने मां सरस्वती की वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद पारंपरिक भक्ति गीत पेश किया। देर रात तक कार्यक्रम चलता रहा। श्रोता भी बैठे रहे। मौके पर मिनराज अंसारी, दुर्गेश पाठक, चंदन प्रजापति सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
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