बेंच-डेस्क और हैंडवॉश सब कागजों पर, बंद बोरिंग भी चालू; DM ने पकड़ा स्कूलों में घपले का खेल
सरैया के 108 विद्यालयों के जांच प्रतिवेदन की समीक्षा में निदेशक, ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा रिपोर्ट दी गई कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बीईओ द्वारा बिना विद्यालय का निरीक्षण किये ही कार्य पूर्णता संबंधी रिपोर्ट दे दी गई।
बिहार के शिक्षा विभाग में घपले घोटाले की बात नई नहीं हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों के हिस्से के संसाधनों की बंदरबांट की खबरें आती रहती हैं। एक बार फिर मुजफ्फरपुर से है जहां कागजों पर खर्च दिखाकर बड़े घपले को अंजाम दिया गया। स्कूलों में बेंच-डेस्क कागजों पर दिखा दिया। अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट में बंद सबमर्सिबल(पानी की बोरिंग) को भी चालू कर दिया। जो हैंडवाश स्कूल में है ही नहीं, उसे भी चालू अवस्था में दिखा दिया। डीएम की ओर से कराए गये सत्यापन में हकीकत उजागर हुई।
मुजफ्फरपुर जिले में दर्जनों स्कूलों में बीईओ और अभियंताओं की मिलीभगत से जांच रिपोर्ट में भारी गड़बड़ी मिली है। सबमर्सिबल, बेंच-डेस्क, चहारदीवारी निर्माण समेत कई कार्यों की जांच में खेल किया गया है। जिले में 100 से अधिक स्कूलों की जांच रिपोर्ट में अंतर मिला है। डीएम ने जब अलग से जांच कराई तो इस जांच के खेल का खुलासा हुआ। बीईओ और अभियंता की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को जांच में गलत मिली है। इसके बाद डीएम के स्तर से संबंधित बीईओ, कनीय अभियंताओं पर कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है। जांच में की गई गड़बड़ी को लेकरजिला प्रशासन काफी सख्त है।
डीएम ने कराया सत्यापन तो हुआ खुलासा सरैया के 108 विद्यालयों के जांच प्रतिवेदन की समीक्षा में निदेशक, ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा रिपोर्ट दी गई कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बीईओ द्वारा बिना विद्यालय का निरीक्षण किये ही कार्य पूर्णता संबंधी रिपोर्ट दे दी गई। जांच के क्रम में पाया गया कि सबमर्सिबल किया गया है, जो चालू नहीं है। नल भी नहीं लगा है। मध्य विद्यालय, मनिकपुर में चहारदीवारी निर्माण का कार्य अधूरा है, मगर इसे पूरा दिखाया गया है। डीएम ने गलत रिपोर्ट देने एवं वरीय पदाधिकारी को दिग्भ्रमित करने में बीईओ एवं कनीय अभियंता, सरैया से स्पष्टीकरण मांगने एवं वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया है।