तेघड़ा-भगवानपुर प्रखंड को जोड़नेवाला मुगलकालीन मार्ग जर्जर
लीड पेज 4... व भगवानपुर प्रखण्ड को जोड़नेवाली सड़क की बदहाली। तेघड़ा। निज संवाददाता तेघड़ा-भगवानपुर प्रखण्ड को जोड़नेवाली मुगलकालीन सड़क की बदहाली इलाके के जनप्रतिनिधियों व संबंधित अधिकारियों की...
तेघड़ा-भगवानपुर प्रखण्ड को जोड़नेवाली मुगलकालीन सड़क की बदहाली इलाके के जनप्रतिनिधियों व संबंधित अधिकारियों की संवेदनहीनता का आईना बनी है। सर्वे काल की इस सड़क का निर्माण मुगलकालीन काजी ने अपने कार्यालय एवं ईजलास के लिए आम लोगों के आवागमन के लिए करवाया था। आज भी काजी जमाने की उपलब्ध पतली ईंट इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की गैरजिम्मवार कार्यशैली से काजी के कार्यालय एवं ईजलास को पर्यटनस्थल नहीं बनाया गया अन्यथा तेघड़ा के लिए यह अनमोल उपहार साबित हो सकता था। यह सड़क तेघड़ा प्रखण्ड के गौड़ा-2 एवं भगवानपुर प्रखण्ड की काजीरसलपुर पंचायत को दो भागों में विभाजित करती है।
इस सड़क से भगवानपुर प्रखण्ड मुख्यालय का तेघड़ा अनुमंडलीय मुख्यालय, व्यवहार न्यायालय एवं अनुमंडलीय स्तर के सभी कार्यालयों का सीधा संपर्क होता है। इसका जीर्णोद्धार होने से आने-जानेवाले लोगों के समय एवं दूरी की बचत होगी। साथ ही उक्त दोनों प्रखण्ड के लगभग तीन सौ परिवारों को आवागमन की सुविधा मिलेगी। बलिया के पूर्व सांसद राजवंशी महतो का गांव बसही, मेहदौली, लहरपुर, ताजपुर आदि गांवों के लोगों को भी तेघड़ा बाजार एवं अनुमंडलीय तथा अन्य सरकारी कार्यालयों में आने-जाने में सुविधा होगी। भगवानपुर प्रखण्ड की काजी रसलपुर पंचायत के सैकड़ों किसानों के कृषि कार्यो के लिए यह सड़क महत्वपूर्ण है। बछवाड़ा एवं तेघड़ा विधान सभा क्षेत्र की यह सड़क दो-दो विधायकों के लिए भी महत्व रखती है।
बताया गया है कि 38 वर्ष पूर्व भगवानपुर के पूर्व प्रमुख रामविलास सिंह को इस सड़क का ईंट सोलिंग कराने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। उनके प्रयास पर कुछ ग्रामीणों के विवाद से विराम लग गया। तब से यह सड़क बदहाल है। इस सड़क का मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा। हाई कोर्ट के आदेश से भगवानपुर के सीओ ने काजी रसलपुर में पैमाईश कराकर सड़क की जमीन का सीमाकंन भी कराया फिर भी सड़क का जीर्णोद्धार नहीं हो सका है।
भगवानपुर प्रखण्ड के काजी रसलपुर कालीस्थान से उपेन्द्र महतो एवं रामबहादुर सिंह के घर तक लगभग एक किलोमीटर सड़क आज भी कच्ची है। बरसात के मौसम में बाइक या चार चक्का वाहनों की बात छोड़िए, पैदल चलना भी किसी मुसीबत से कम नहीं है। सड़क पर 11 हजार का बिजली का पोल गाड़ने से निर्माण कार्य संभव नहीं है। कुछ लोगों ने बिना नाम बताए कहा कि सड़क की जमीन का अतिक्रमण है लेकिन झंझट के भय से वे लोग चुप हैं। प्रशासन को भी इसकी जानकारी है फिर भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है।
इस सबंध में काजी रसलपुर पंचायत की उपमुखिया ने कहा कि बिजली का पोल हटाने के बाद इस सड़क का जीर्णोद्धार करवाने का प्रयास करेंगी। गौड़ा-2 के रामप्रिय सिंह उर्फ डबलू सिंह एवं काजीरसलपुर के भरोसी साह आदि ने कहा कि इस सड़क का निर्माण नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। गौड़ा-2 के मुखिया शम्भू प्रसाद पासवान ने कहा कि अधिकारियों की उदासीनता से ही इस सड़क की दुर्दशा बरकरार है। इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के जेई ने कहा कि सड़क का जीर्णोद्धार कराने के लिए तकनीकी व्यवधान को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
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