48 घंटे में कोविड से छह और लोगों की कोरोना से मौत
पेज तीन लीड... कैप्शन: नावकोठी पीएचसी से एंटीजन टेस्ट के लिए मोबाइल वैन को रवाना करते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी।...
बेगूसराय। हमारे प्रतिनिधि
पिछले 48 घंटे में छह और लोगों की मौत कोरोना से हो गयी। कोरोना से मरने वाले जिले के लोगों की संख्या बढ़कर 262 हो गयी है। मृतकों में बेगूसराय प्रखंड के दो, चेरियाबरियारपुर प्रखंड के दो, तेघड़ा के एक व बरौनी प्रखंड के एक व्यक्ति शामिल हैं। वहीं 212 नये संक्रमित मिले हैं। संक्रमण का कुल आंकड़ा 24 हजार 804 हो गया है।
इधर, पूर्व से संक्रमित 351 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि अबतक 22 हजार 590 लोग कोरोना को मात देने में सफल रहा। वर्तमान में एक्टिव केस की संख्या 1952 हो गयी है। डीएम ने बताया कि वर्तमान में 23 डीसीएचसी व सीसीसी में कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए 889 बेड उपलब्ध हैं। इनमें 505 बेड ऑक्सीजनयुक्त हैं। बताया कि 232 लोगों का इलाज चल रहा है।
मंझौल में कोरोना से युवक की मौत
मंझौल। एक संवाददाता
मंझौल पंचायत एक गाछी टोला वार्ड 06 निवासी राम निहोरा सिंह के पुत्र मनोज भारती(उम्र-44 वर्ष) की मौत कोरोना से इलाज के क्रम में मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में शुक्रवार के सुबह में हो गई। परिजनों के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार युवक अपने ससुराल सीतामढ़ी में सैलून चलाता था। अचानक 3 मई को उसकी तबीयत बिगड़ गई। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 12 से 15 मई तक उसका इलाज सीतामढ़ी के निजी अस्पताल कराया गया। सुधार नहीं होने एवं स्थिति गंभीर होने पर 15 मई से मुजफ्फरपुर के एक निजी अस्पताल में उसका इलाज जारी रहा। ऑक्सीजन लेवल अत्यंत कम हो जाने व सांस लेने में कठिनाई के कारण शुक्रवार को सुबह दस बजे मौत हो गई। शुक्रवार की दोपहर उसका शव पैतृक गांव मंझौल पहुंचा। बसोना घाट में उसका अंतिम संस्कार हुआ। परिवार में माता-पिता के अतिरिक्त पत्नी, पुत्र एवं पुत्री है। मृतक माता-पिता का इकलौता पुत्र था। युवक के मौत से मंझौल मे शोक की लहर छा गई।
बखरी में स्वास्थ्य कर्मियों ने बढ़ाया मदद को हाथ
कोरोना से हुई मौत पर दी सहायता
अब तक कई लोगों की हो चुकी है कोरोना से मौत
बखरी। निज संवाददाता
इस कोरोना काल में स्वास्थ्यकर्मियों का महत्व काफी बढ़ गया है। ये लोग जिंदगियां बचाने की तमाम कोशिशे कर रहे हैं। इन सारे दायित्वों का निर्वहन करने के बाद ये खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। महामारी के इस दौर में मानवता की एक अद्भुत तस्वीर नगर परिषद के इलाके के वार्ड 15 के सामने आई है। इस वार्ड में कोरोना की वजह से पिछले दिनों एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हैं। घर में पांच छोटे-छोटे बच्चे हैं। इस मुद्दे पर हिंदुस्तान में दो दिन पूर्व खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बखरी में संविदा स्वास्थ्य कर्मी के तौर पर काम कर रहे बीसीएम सुमन कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक मनीष कुमार, केयर इंडिया के बीएम हीरालाल, पिरामल स्वास्थ्य के बीटीओ मनीष कुमार ने आपसी सहयोग से मृतक के परिजनों को खाद्य सामाग्री उपलब्ध कराई है।
इनके द्वारा मृतक के परिजनों को आटा, चावल, दाल, सरसो तेल, सब्जी, मसाला, सोयाबीन आदि उपलब्ध कराया है। बीसीएम सुमन कुमार ने बताया कि सरकार की तरफ से कोरोना काल में इन लोगों को एक एक महीने का अतिरिक्त वेतन दिया गया है। यह लोग इस रकम को कोरोना से हुई मौत के बाद आर्थिक रूप से कमजोर मृतक के परिजनों को राहत सामग्री उपलब्ध कराएंगे। साथ ही जरूरत पड़ने पर खुद के वेतन के पैसे से भी ऐसे लोगों को मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह और भी कोई लोग आसपास के समाज में रह रहे हैं, उनकी मदद के लिए स्वास्थकर्मी कभी भी पीछे नहीं हटेंगे। स्थानीय पार्षद नीरज नवीन ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में एक दूसरे के सहयोग से ही इस महामारी से निपटा जा सकता है। हमलोगों को थोड़ी थोड़ी कोशिश करके समाज में आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे लोगों को मदद करनी चाहिए।
इस दौरान यक्ष्मा पर्यवेक्षक रणधीर कुमार, फार्मासिस्ट प्रभात कुमार, बीएसडब्ल्यू अंकुर कुमार आदि मौजूद थे। स्वास्थ्य कर्मियों की इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही है। मालूम हो कि नगर परिषद इलाके के वार्ड संख्या 15 निवासी रामकृष्ण शर्मा के 40 वर्षीय पुत्र मनोज शर्मा की मौत 3 मई को कोरोना की वजह से हो गई। घर में एक ही कमाऊ पुत्र था जो कि रेलवे ढाला के नीचे भट्ठी चलाकर लोहे के औजार बनाता था। इससे उसका पूरा परिवार चलता था। मनोज की अचानक हुई मौत के बाद घर की स्थिति काफी खराब हो गई। पांच मासूम छोटे-छोटे बच्चे हैं। बता दें कि कोरोना काल में इस इलाके में कई लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें कई ऐसे परिवार हैं जो आर्थिक रूप से काफी कमजोर हैं। उनके परिजन दाने दाने को मोहताज है। सरकार की तरफ से मिलने वाली सहायता की रफ्तार काफी धीमी है। सरकारी राशन भी नही मिल पा रहा है। ऐसे में इन्हें मदद की दरकार है। ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की यह पहल किसी वरदान से कम नहीं है।
कोरोना की टेस्टिंग व इलाज के लिए वार्ड तथा पंचायत स्तर पर कमेटी गठित
सभी प्रखंडों में दो-दो प्रचारयुक्त सामग्रियों के साथ वाहन एवं जांच की सुविधा रहेगी उपलब्ध
को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच के लिए प्रेरित करेगी कमेटी
बेगूसराय। हमारे प्रतिनिधि
जिला प्रशासन की ओर से जिले में कोविड-19 महामारी के रोकथाम के लिए कई आवश्यक कदम उठाए गए हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी दिख रहे हैं। लेकिन, कोरोना संक्रमण के पैटर्न की समीक्षा से यह दिख रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब यह महामारी बढ़ रही है। अतः ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के लक्षण वाले लोगों की पहचान कर उनके टेस्टिंग एवं इलाज को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है।
इसी कड़ी में वार्ड एवं पंचायत स्तर पर एक-एक समिति का गठन किया गया है। वार्ड स्तर पर गठित 6-सदस्यीय समिति के अध्यक्ष वार्ड सदस्य तथा आंगनबाड़ी सेविका को संयोजक बनाया गया है। अन्य सदस्यों में पंच, हारे हुए वार्ड सदस्य, हारे हुए पंच एवं आशा कार्यकर्ता शामिल हैं। यह बात डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि यह समिति नियमित रूप से बैठक कर अपने वार्ड के कोविड लक्षण वाले लोगों की पहचान कर उनके जांच के लिए सूची अपने विकास मित्र को देगी। लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच के लिए प्रेरित करेगी। यदि जांच के लिए मोबाइल टीम उनके गांव जाती है तो भी ऐसे व्यक्तियों को जांच के लिए प्रेरित करेगी।
इसी प्रकार पंचायत स्तर पर मुखिया की अध्यक्षता में एक 5-सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसके संयोजक संबंधित विकास मित्र होंगे। अन्य सदस्यों में सरपंच, हारे हुए मुखिया तथा हारे हुए सरपंच होंगे। पंचायत स्तर की समिति अपने पंचायत के सभी वार्डों के समितियों के साथ नियमित बैठक कर उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों में आवश्यक सहयोग करेगी। समेकित रूप से लक्षणयुक्त व्यक्तियों की सूची तैयर कर प्रखंड विकास अधिकारी को उपलब्ध कराएगी। प्रखंड विकास अधिकारी संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए जांच के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार कर उसे विकास मित्र एवं मुखिया को उपलब्ध कराएंगे। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सूक्ष्म कार्ययोजना के अनुसार जांच दल को निश्चित रूप से चिह्नित स्थल पर भेजेंगे। डीएम ने बताया कि सिविल सर्जन को ग्रामीण क्षेत्रों में सघन टेस्टिंग के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए सभी प्रखंड को दो-दो प्रचारयुक्त सामग्रियों के साथ वाहन एवं जांच उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
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