कोरोना काल के दौरान रिश्तों में आई गर्माहट
खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि जो प्रवासी कल तक गांव में रहने वाले अपने सगे-संबंधियों को निठल्ला समझते हुए कुछ मांग लेने के भय से...
खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि
कोरोना काल के दौरान आपसी रिश्तों में नजदीकियां बढ़ी हैं। बुरा वक्त कहें या मौत का खौफ, लोगों को अपनों को याद करने पर मजबूर कर दिया। इससे वर्षों से सर्द पड़े रिश्तों के बीच गर्माहट आई है। गांव में रहने वाले अपनों को भूल कर शहरों में आशियाना जमाए हुए लोगों को कोरोना संकट ने गांव का रूख करने को मजबूर कर दिया। जो प्रवासी कल तक गांव में रहने वाले अपने सगे-संबंधियों को निठल्ला समझते हुए कुछ मांग लेने के भय से परदेस से फोन के माध्यम से हाल-चाल पूछना भी मुनासिब नहीं समझते थे, आज गांव में रहने वाले रिश्तेदार उन्हें अच्छे लगने लगे हैं। हर कोई फोन से ही सही पुराने मित्रों व सगे-संबंधियों को याद कर रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र के नुरूल्लाहपुर, सागी, दौलतपुर सहित अन्य गांव के सैकड़ों परिवार अपने घर में ताला बंद कर बाल-बच्चों के संग परदेस में रहना पसंद करते थे। शहरी जीवन व काम की व्यस्तता ने उन्हें परिजनों तक को भुलाने पर मजबूर कर दिया था। लेकिन, कोरोना ने उन्हें भी गांव की पगडंडी का रास्ता याद दिला दिया है। कोरोना काल ने उन्हें एहसास दिलाया कि बुरे वक्त में अपने ही काम आते हैं। प्रवासियों के घर लौटने के बाद वर्षों से बंद पड़े घरों की रौनक लौट आई है। गांव की सूनी पड़ी गलियों में बहार आ गई है।
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