तरावीह की नमाज़ में कुरान-ए-करीम मुकम्मल
खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि म्मल होने के बाद नमाज़ियों ने कोरोना महामारी से निजात के लिए खुदा की बारगाह में दुआएं की।...
खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि
जामा मस्जिद नुरूल्लाहपुर सहित अनेक गांवों की मस्जिद में तरावीह की नमाज़ के दौरान कुरआन मुकम्मल पढ़ा गया। रविवार की रात तरावीह के दौरान कुरआन मुकम्मल होने के बाद नमाज़ियों ने कोरोना महामारी से निजात के लिए खुदा की बारगाह में दुआएं की। रमज़ानुलमुबारक के महीने में रोज़ेदारों द्वारा सामूहिक रूप से प्रत्येक रात ऐशा की नमाज के बाद 20 रिकअत अतिरिक्त तरावीह की नमाज अदा की जाती है जिसमें हाफिज साहब के द्वारा सिलसिलेवार ढंग से कुरान-ए-करीम की तिलावत की जाती है। लेकिन, कोरोना वायरस को लेकर जारी लाकडाउन के दौरान तरावीह की सामूहिक नमाज अदा नहीं की जा सकी। पूर्व से चयनित मस्जिद के चंद जिम्मेदारों ने तरावीह की नमाज में भाग लिया। जामा मस्जिद नुरूल्लाहपुर में तरावीह की नमाज पढ़ा रहे हाफिज ने तरावीह की नमाज के बाद कुरान-ए-करीम की अज़मत और उसे पढ़ने, सुनने व समझने के लाभ से नमाज़ियों को अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि कुरआन किताबउल्लाह के साथ साथ कलामउल्लाह भी है। जिस किसी ने भी इस की अज़मत को जाना और इसे अपनाया वह कामयाब रहा। हाफिज साहब ने कहा कि तरावीह के दौरान सिलसिलेवार ढंग से कलामपाक पढ़े जाने से पढ़े-लिखे तथा निरक्षर दोनों एक साथ कुरान-ए-करीम को सुन कर खुदा की बरकत से फैज़याब होते हैं। लेकिन, इस बार कुदरत के क़हर ने रोज़ेदारों को सामूहिक रूप से तरावीह की नमाज अदा करने से महरूम रखा। क्षेत्र की जामा मस्जिद तथा छोटी मस्जिद नुरूल्लाहपुर, सागी, बाड़ा, तेतराही, मालपुर, सिरसी, बरियारपुर पश्चिमी, फफौत सहित कई मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ के दौरान कुरआन मुकम्मल पढ़ी गई। इस अवसर पर मस्जिदें खाली पड़ी देखी गई। तरावीह की नमाज़ के बाद रोज़ेदारों द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना से निजात तथा खैर व आफियत, अपने गुनाहों से माफी, जहन्नुम की आग से बचाव, कोरोना से बचाव, आपसी भाईचारे व सामाजिक सौहार्द्र तथा विश्व शांति के लिए सामूहिक दुआ की गई। इस वर्ष मस्जिद के पास पानी और तेल फूंकवाने के लिए लोग नहीं आ सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।