पीएम श्री विद्यालयों में संसाधन का अभाव, कैसे होगी पढ़ाई!
बौधू सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहसारा बभनगामा को पीएम श्री विद्यालय के रूप में चिह्नित किया गया है, लेकिन शिक्षकों और कक्षाओं की कमी है। विद्यालय में लगभग 650 छात्र हैं, लेकिन पर्याप्त कमरे और...

नावकोठी, निज संवाददाता। प्रखंड के बौधू सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहसारा बभनगामा को पीएम श्री विद्यालय के लिए चिह्नित किया गया है। उसके साथ आदर्श मध्य विद्यालय पहसारा बभनगामा को भी जोड़ा गया है।महेशवाड़ा पंचायत में मध्य विद्यालय महेशवाड़ा, आदर्श मध्य विद्यालय पहसारा बभनगामा तथा अन्य गांवों में प्राथमिक विद्यालय है। बौधू सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहसारा बभनगामा में आठ कमरे हैं जिसमें दो जर्जर हैं। तीन अतिरिक्त वर्ग कक्ष निर्माणाधीन है। यहां नवम वर्ग से बारहवीं कक्षा तक लगभग 650से अधिक छात्र छात्राएं हैं।इनके लिए वर्ग कक्ष पर्याप्त नहीं हैं। परीक्षा के समय बरामदे पर बैठाकर छात्र छात्राओं की परीक्षा ली जाती है। शिक्षकों की भी कमी विद्यालय में है। ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के लिए विषयवार शिक्षक नहीं हैं। मात्र गणित, मनोविज्ञान एवं फिलोसॉफी के ही तीन शिक्षक हैं जबकि हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, वाणिज्य, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र,गृह विज्ञान के शिक्षक नदारद हैं। इन विषयों की पढ़ाई भगवान भरोसे ही होती है। नवम व दशम वर्ग में हिन्दी विषय के शिक्षक नहीं हैं। विभाग का निर्देश है कि इसी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आदर्श मध्य विद्यालय पहसारा बभनगामा के षष्ठ वर्ग से अष्टम वर्ग के बच्चों की पढ़ाई होगी। एक अप्रैल से यह पढ़ाई साथ साथ होगी। मध्य विद्यालय में लगभग सवा छह सौ से अधिक बच्चे षष्ठ वर्ग से अष्टम वर्ग के हैं। साथ ही, तीन शिक्षक स्नातक कोटि गणित व विज्ञान, ऊर्दू एवं सामाजिक विज्ञान के हैं। इन्हें भी उन बच्चों के साथ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में ही मर्ज किया गया है। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहसारा बभनगामा की प्रभारी प्रधानाध्यापिका अभिनव प्रिया ने बताया कि विभाग के निर्देशों का पालन तो करना ही होगा किन्तु षष्ठ वर्ग से बारहवीं कक्षा तक के कक्षा संचालन के लिए न तो पर्याप्त कमरे हैं और न शिक्षक ही। फिर षष्ठ से अष्टम वर्ग तक के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए भंडार कक्ष, रसोईघर, शौचालय, पेयजल, बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह की कमी प्रतीत होती है। फिर मध्याह्न भोजन योजना के सफल संचालन के लिए रसोइया सह सहायक की भी व्यवस्था नहीं हो पायी है। इसके लिए उन्होंने विभागीय अधिकारी से पत्राचार किया है। पूर्व मुखिया शैलेन्द्र सिंह बताते हैं कि एक प्रधानाध्यापक को शिक्षा समिति, विद्यालय प्रबंध कारिणी सदस्यों का समन्वय में विद्यालय संचालन में बाधा पैदा होगी। आदर्श मध्य विद्यालय पहसारा बभनगामा से षष्ठ से अष्टम की पढ़ाई समाप्त होते ही यह एक प्राथमिक विद्यालय बनकर रह जाएगा।इस आदर्श विद्यालय का स्वरुप ही ध्वस्त हो जाएगा ऐसा मानना ग्रामीणों का है। प्रधानाध्यापक राम सुजान सिंह बताते हैं कि आदर्श मध्य विद्यालय की अवधारणा ही समाप्त हो जाएगी। ग्रामीण सह युवा लोजपा नेता घनश्याम कुमार ने कहा है कि आदर्श मध्य विद्यालय पहसारा प्राथमिक विद्यालय बनकर रह जाएगा जबकि यहां अष्टम वर्ग तक के बच्चों के लिए पर्याप्त कमरे, शिक्षक, विद्यालय का सुन्दर परिसर बच्चों को बैठने व विद्यालय परिसर में खेलने कूदने की पर्याप्त सुविधाएं, बिजली, पेयजलापूर्ति, शौचालय वगैरह हैं। उन्होंने इस योजना से दोनों विद्यालयों के संचालन में परेशानी की बात कही। उन्होंने कहा है कि पूर्व की भांति विद्यालय का संचालन किया जाय ताकि दोनों विद्यालयों की आधारभूत संरचना बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता बनी रही।
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