वेद के अनुकूल व्यवहार करने वाला ही सही मायने में संत
रसलपुर-बहलोरिया गांव में नौ दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ में कथावाचन करते हुए सीताराम शास्त्री ने रखे...
प्रखंड के रसलपुर-बहलोरिया गांव में आयोजित नौ दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ यज्ञ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। महायज्ञ में कथा ज्ञान मंच से प्रतिदिन भक्ति की धारा बह रही है और हजारों संख्या में श्रद्धालु यहाँ श्रीमद्भागवत कथा के संगीतमय प्रवचन सुन भक्ति सागर में गोता लगा रहे हैं। महायज्ञ को लेकर लोगों आसपास के गांवों में उत्साह का माहौल है।
रविवार को तीसरे दिन सुप्रसिद्ध कथा वाचक श्रीसीताराम शास्त्रीजी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें स्कंध के प्रसंगों पर आधारित कथा के माध्यम से भगवान की महिमा का वर्णन कर लोगों को भाव विभोर कर दिया। कथा वाचक ने कहा कि प्रभु नाम संकीर्तन से मन को जितनी शांति मिलती है वह अद्वितीय है। यह नरक व दुखों से उबरने का मूल मंत्र है। जो व्यक्ति हृदय में दया व संतोष के भाव के साथ ईश्वर की आराधना करता है उसे ही सदगति प्राप्त होती है।
पाप-पुण्य की विवेचना करते हुए कहा कि जो वेद के अनुकूल व्यवहार करता है सच्चे मायने में वही संत है। बिना वेद के अनुकूल व्यवहार के समाज व परिवार में शांति संभव नहीं है। इसलिए हम सबों को चाहिए कि अध्यात्म के आत्मसात करते हुए वेद अनुकूल कार्य करें। इधर, गांव में लंबे समय बाद हो रहे महायज्ञ को लेकर ग्रामीणों का उत्साह चरम पर है। ग्रामीण सह यज्ञ के मुख्य यजमान मुखिया शरणलता देवी, पूर्व मुखिया महेंद्र यादव, भाजपा नेता सुरेन्द्र यादव, टुनटुन सिंह, ललित ठाकुर आदि कहते हैं कि में यज्ञ में आये लोगों व श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।
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