सिमरियाधाम गंगातट पर मुंडन संस्कार के लिए उमड़ी लोगों की भीड़
हजमा धीरे-धीरे कटिहें बबुआ के केश, कि बबुआ बड़ सुकुमार छै सरीखे गीत दिनभर गंगा भर गंगा तट पर गूंजते रहे
बीहट, निज संवाददाता। मुंडन संस्कार के लिए बुधवार को गंगा के उत्तरायणी तट सिमरियाधाम पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मिथिला व वाराणसी दोनों पंचांग के अनुसार बुधवार को मुंडन का शुभ मुर्हूत रहने को लेकर सिमरियाधाम गंगा तट पर जमकर मुंडन संस्कार हुए। हजमा धीरे-धीरे कटिहें बबुआ के केश, कि बबुआ बड़ सुकुमार छै, बौआ के मौसी हजमा तोरे देबौ रे तथा ऐसो बोलिया बोलियह गंगा मैया, तोर बोलिया-बोलिया होतै शलकमान तोर बोलिया शरीखे गीत दिनभर गंगा भर गंगा तट पर गूंजते रहे। बैंड-बाजे के बीच करीब पांच सौ से भी अधिक बच्चों के मुंडन संस्कार हुए। अहले सुबह से लेकर देर शाम तक गंगातट पर मेले सदृश नजारा देखने को मिला। गंगा स्नान से लेकर मुंडन समारोह में शरीक होने को लेकर लोगों में होड़ मची रही। करीब दो किलोमीटर के दायरे में स्नान घाट रहने के बावजूद मुंडन के लिए उमड़े लोगों के सैलाब के सामने गंगातट पर बना रिवर फ्रंट छोटा पड़ता दिखाई दिया। मुंडन करने तथा होटलों में खाना खाने को लेकर अफरातफरी मची रही। लोगों को मुंडन के लिए जगह खोजने तथा होटलों में खाना खिलाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। सिमरियाधाम की सड़कों पर रूक-रूक कर जाम लगता रहा। गंगातट दिनभर वाहनों तथा लोगों से अटा पड़ा दिखा। अहले सुबह से लोग सिमरिया गंगातट पर मुंडन के लिए आने लगे थे। सिमरियाघाट से लेकर जीरोमाइल तक विभिन्न होटलों में खाना खाने को लेकर लोगों की भीड़ देखी गई। कई जगहों पर सड़क के किनारे तथा मैदान में भी लोग मुंडन का भोज खाते हुए देखे गये। नाई, ब्राह्मणों से लेकर होटल संचालकों की जमकर कमाई हुई। मुंडन संस्कार में सिमरिया गंगा तट पर भारी संख्या में वाहनों के आने के कारण नेशनल हाइवे पर भी वाहनों का काफी दबाव देखा गया। थर्मल बस स्टेंड तथा एफसीआई रेलवे क्रॉसिंग के निकट नेशनल हाइवे के संकरा रहने के कारण वाहनों की लंबी कतारें लगती रही। स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने मुंडन संस्कार के बारे में बतलाते हुए कहा कि सोलह संस्कारों में चुड़ाकरण संस्कार अर्थात मुंडन संस्कार काफी महत्वपूर्ण होता है। यह संस्कार बच्चे को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाने के लिए दिया जाता है। धर्मशास्त्र का हवाला देते हुए स्वामी चिदात्मन जी ने कहा कि गर्भ के बालों का विसर्जन करने से बच्चों के पूर्व जन्म के शापों का मोचन होता है। वहीं मुंडन संस्कार का वैज्ञानिक पहलू यह है कि मुंडन कराने के बाद बच्चों के सिर पर सीधा धूप पड़ता है। सिर से धूप शरीर में जाती है। इससे बच्चों को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है, जो बच्चों के बल, तेज और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार होता है। उचक्कों ने कई लोगों के कपड़े व पैसे भी गायब किये मुंडन संस्कार के लिए सिमरिया गंगातट पर उमड़ें जनसैलाब के बीच उचक्कों ने अपना हाथ साफ किया। कई लोगों के कपड़े व पैसे की भी चोरी हुई। मुंडन के लिए आये कटरमाला के नवीन कुमार ने बताया कि वे अपनी पत्नी के साथ रिश्तेदार के मुंडन संस्कार शामिल होने सिमरिया गंगातट पर आये थे। गंगा स्नान कर आने के बाद कपड़े गायब मिले। मजबूरन उन्हें गीले कपड़ें में भी घर लौटना पड़ा। मुंगेर राजघाट के गंगा घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ साहेबपुरकमाल। बुधवार को मुंडन संस्कार के शुभ लगन के अवसर पर बच्चों के मुंडन संस्कार को लेकर प्रखंड के मुंगेर राजघाट के पावन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मुंडन संस्कार के लिए आये श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण मुंगेर राजघाट जाने वाली सड़कों पर आवागमन दिनभर व्यस्त रहा। मेले जैसा दृश्य बना रहा। हालांकि इस दौरान प्रशासनिक व्यवस्था की कमी के कारण मल्हीपुर चौक सहित छर्रापट्टी घाट के समीप सड़क पर लगातार जाम की स्थिति बनी रही और जाम में फंस श्रदालु हलकान दिखे।
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