खरमास समाप्त होते ही शुरू हो गये मांगलिक कार्य
बीहट, निज संवाददाता।... खरमास की वजह से मांगलिक कार्य समेत धार्मिक अनुष्ठान 11 दिसंबर से ही बंद था। हिन्दू धर्म में खरमास के दौरा
बीहट, निज संवाददाता। सूर्य के उत्तरायण होते ही 16 जनवरी से नूतन गृह प्रवेश, गृह निर्माण की नींव, देव प्रतिष्ठा, साधना समेत शादी विवाह, उपनयन शरीखें मांगलिक कार्य शुरू हो गये। खरमास की वजह से मांगलिक कार्य समेत धार्मिक अनुष्ठान 11 दिसंबर से ही बंद था। हिन्दू धर्म में खरमास के दौरान शादी विवाह से लेकर अन्य मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। क्या होता है खरमास: सूर्य को प्रत्यक्ष देवता तथा धरती पर जीवन दाता माना गया है। सूर्य जब मीन या धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उस समय उनकी तेज काफी कम रहता है। सूर्य के तेज का कम रहना मांगलिक कार्य के लिए उत्तम नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य के लिए सूर्य की तेज होना बहुत ही अच्छा माना जाता है। गत 14 जनवरी को सूर्य के मकर गोचर होने यानि सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही खरमास समाप्त हो गया और 16 जनवरी से विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य शुरू हो गये हैं। नया हिन्दी माह शुरू होने तक शादी विवाह के कुल 43 शुभ मुहूर्त्त मिथिलाचंल पंचाग के अनुसार इस वर्ष जून तक (नया हिन्दी महीना शुरूआत होने तक) विवाह के कुल 43 शुभ मुहूर्त हैँ। 6 जून के बाद से गुरू अस्त होने के कारण एवं चार्तुमास शुरू होने से शादी-विवाह का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। मिथिला पंचांग के अनुसार जनवरी में सात, फरवरी में दस, मार्च में चार, अप्रैल में सात तथा मई में 11 तथा जून में चार दिन ही विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।बाराणसी पंचांग के अनुसार जनवरी में 10, फरवरी में 20, मार्च में 9, अप्रैल में 10, मई में 19 तथा जून में सात दिन शहनाई बजनी है। मिथिला पंचांग के अनुसार इस वर्ष जून तक विवाह के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं- जनवरी में -16, 19,20,23,24,29 और 30 तारीख । फरवरी में-2,3,6,7,16,19,20,21,24 तथा 26 तारीख। मार्च में-2,3,6 एवं 7 तारीख। अप्रैल में-16,18,20,21,23,25 एवं 30 तारीख। मई में-1,7,8,9,11,18,19,22,23,25 एवं 28 तारीख। जून में-1,2,4 एवं 6 तारीख।
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