माफिया और पुलिस गठजोड़ से बिहार में शराबबंदी फेल: माले
शराब माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि तीन अस्पताल में इलाजरत हैं। यह बात साबित...
बेगूसराय। निज संवाददाता
बिहार में नवादा सहित अन्य जिलों में जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि तीन अस्पताल में इलाजरत हैं। यह बात साबित करती है कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल है। इसका सबसे बड़ा कारण शराब माफिया और पुलिस का गठजोड़ है। शराब माफियाओं को बड़े नेताओं के साथ साथ राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। शराब माफियाओं पर सरकार की कार्रवाई करने की कोई मंशा नजर नहीं आ रही है। सरकार शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने के बजाय गरीब लोगों को ही निशाना बना रही है। यह बातें भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल कुमार ने कहीं।
बिहार के दौरे पर निकले कुणाल कुमार ने भाकपा माले कार्यालय के समीप एक भवन में प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सरकार को शराब पीने वालों ये आदत छुड़ाने और उनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही उनको रोजगार की व्यवस्था देनी होगी। वहीं उन्होंने शराब की बिक्री में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने और दंडित करने करने की मांग की। शराब पीने के कारण मारने वाले व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की। कुणाल कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा में घटित विधायको के साथ मारपीट की घटना से पूरा बिहार शर्मसार हुआ है। पूरे बिहार में किसान कानून, पुलिस कानून सहित अन्य काला कानून के खिलाफ भाकपा माले महापंचायत चलाकर आवाज को बुलंद करेगी। मौके पर भाकपा माले के जिला सचिव दिवाकर कुमार, जिला कमेटी सदस्य नूर आलम, चंद्रदेव वर्मा, शैलेंद्र सिंह, राजेश श्रीवास्तव, वतन कुमार, मो. इशराफिल, उमेश बैठा, इंद्रदेव राय व अन्य थे।
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