प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को लटका रही है सरकार
प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पिछले एक साल से लंबित है। इससे अभ्यर्थियों में काफी रोष है। दर्जनों अभ्यर्थियों ने सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार इन अभ्यर्थियों के प्रति...
प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पिछले एक साल से लंबित है। इससे अभ्यर्थियों में काफी रोष है। दर्जनों अभ्यर्थियों ने सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार इन अभ्यर्थियों के प्रति उदासीन है। बिहार टीईटी/सीटीईटी शिक्षक बहाली मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुमंत कुमार ने सरकार पर जान बूझकर इस मामले को लटकाने का आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार बहाली को लेकर एनसीटीई से जबाब के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है। सरकार को एनसीटीई से पुनः जबाब मांगना चाहिये तथा शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर शीघ्र विचार करनी चाहिए। लोगों ने कहा कि इन अभ्यर्थियों के समक्ष उहापोह की स्थिति है। सरकार लगातार मामले को लटका रही है। गौरतलब है कि इसको लेकर सोमवार को राज्य के शिक्षक अभ्यर्थी द्वारा ट्वीटर कैंपेन चलाया गया। जिसे एक लाख लोगों समेत राजनीतिक दलों का समर्थन मिला। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार की उदासीनता से राज्य के बच्चों के शैक्षिक अधिकार का हनन हो रहा है। बिहार के छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने से वंचित होते जा रहें। लोगों का कहना है कि जब शिक्षा विभाग का सभी कार्य हो रहे हैं तो इस कार्य के प्रति अधिकारी उदासीन क्यों बने हैं।
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