प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में जालसाजी का भंडाफोड़
कोरोना ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में हुए जालसाजी की पोल खोल दी है। कोरोना त्रासदी में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभुकों के बैंक खाते में तीन महीने से एलपीजी सिंलिण्डर का पैसा भेजने का निर्णय...
कोरोना ने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में हुए जालसाजी की पोल खोल दी है। कोरोना त्रासदी में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभुकों के बैंक खाते में तीन महीने से एलपीजी सिंलिण्डर का पैसा भेजने का निर्णय सरकार ने लिया है। इसके आलोक में जब लाभुकों के बैंक खाते में गैस सिलिंडर का पैसा आना शुरू हुआ तो इस योजना में हुई जालसाजी की कलई भी खुल गयी। कई ऐसे लोगों के बैंक खाते में रुपये आये जिन्हें अबतक गैस सिलिण्डर नहीं मिला था। जब लाभुक संबंधित गैस एजेंसी के पास पहुंचे तो एजेंसी संचालकों ने पहले गलती के पैसा आने की बात कहकर टालमटोल करते रहे। लेकिन जब कुछ लाभुकों ने मामले की जांच कराने तथा संबंधित अधिकारियों को इसकी शिकायत करने की बात कही तो एजेंसी संचालकों के द्वारा गैस कार्ड जारी कर दिया गया। गैस कार्ड में कार्ड जारी करने की तिथि 2017, 2018 अंकित की गयी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बीहट नगर इकाई के कार्यकर्ताओं ने बीहट नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारियों से इस मामले की जांच करने की मांग करते हुए कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उक्त मु्द्दे को लेकर आंदोलन किया जायेगा। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन व गैस चूल्हा दिये गये थे। बीहट तथा बरौनी में भारत गैस तथा इंडेन की दो-दो एजेंसी हैं।
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