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लॉकडाउन के चलते बेरौनक़ रहा ईद की बाजार

खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि हे, लोगों ने लच्छे सेवई की खरीदारी भी नहीं की। ईद को लेकर प्रत्येक वर्ष मुसलमान भाई रमज़ान के आखिरी अशरे में नये कपड़े, जूते-चप्पल, टोपी, सूरमा, इत्र, लच्छे सेवई, मेवे सहित...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायTue, 11 May 2021 07:40 PM
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खोदावंदपुर। निज प्रतिनिधि

वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जारी लाकडाउन के कारण इस वर्ष क्षेत्र में ईद का बाजार बेरौनक़ दिखा। नये कपड़ों की कौन कहे, लोगों ने लच्छे सेवई की खरीदारी भी नहीं की। ईद को लेकर प्रत्येक वर्ष मुसलमान भाई रमज़ान के आखिरी अशरे में नये कपड़े, जूते-चप्पल, टोपी, सूरमा, इत्र, लच्छे सेवई, मेवे सहित अन्य सामग्री की खरीदारी करने के लिए बाज़ारों में उमड़ पड़ते थे। लेकिन, इस बार कुदरत के क़हर व सरकारी फरमान ने लोगों को अपने-अपने घर में कैद रहने को मजबूर रख बाज़ार का रूख करने नहीं दिया। इस क्षेत्र में 21वें रमज़ान के बाद से ईद की बाजार सज जाती थी। पटना व कोलकाता से लच्छा सेवई लाकर दुकानदार लोगों को उपलब्ध कराते थे लेकिन लाकडाउन के कारण इस वर्ष बाहर से सेवई नहीं आ सका। पटना की कुछ सेवई गांव की दुकानों में मंहगे दामों पर बिक रही हैं। वहीं कपड़ा, रेडीमेड सहित अन्य सामग्री की दुकान बंद रहने के कारण लोग ईद की तैयारी नहीं कर सके।

नुरूल्लाहपुर निवासी मो. तौकीर आलम, फफौत गांव निवासी मो. ईसा कलीम, सिरसी गांव के मो. सद्दाम हुसैन सहित अन्य लोगों ने बताया कि इस दौर में कोरोना संक्रमण से बचाव एकमात्र उद्देश्य है। इस वर्ष जब रमज़ानुलमुबारक की सामूहिक इबादत की हक़ीक़ी खुशी नसीब नहीं हुई तो ईद कैसे मनायी जाए। अल्लाह ने चाहा तो अगले वर्ष ईद की खुशियाँ लौटेंगी। इस वर्ष परिवार के सभी सदस्य पुराने वस्त्रों में ही ईद की नमाज अदा करेंगे। सिर्फ बच्चों की खुशी को देखते हुए घर में पहले से मौजूद नये कपड़े उन्हें पहनाया जाएगा।

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