Hindi NewsBihar NewsBegusarai NewsEclipse on the construction of the newly renovated 13 middle schools in Teghra

तेघड़ा के नवउत्क्रमित 13 मध्य विद्यालयों में भवन निर्माण पर ग्रहण

सेकेंड लीड युवा पेज...का तस ही है। राज्य सरकार के निदेशानुसार संबंधित विद्यालयों में अतिरिक्त कमरा निर्माण के लिए विभागीय अधिकारियों को प्लान एवं एस्टीमेट बनाने के लिए कहा गया है। इसके लिए विभागीय...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायSun, 11 April 2021 07:50 PM
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तेघड़ा । निज संवाददाता

प्रखण्ड के नवउत्क्रमित 13 मध्य विद्यालयों में भूमि के अभाव में अतिरिक्त कमरों का निर्माण अधर में लटका पड़ा है। हालांकि, धनकौल पंचायत के नवसम्बद्ध विषहर थान मध्य विद्यालय के पुराने भवन के कुछ अंश को तोड़कर दो कमरों का निर्माण किया गया है। अन्य नवउत्क्रमित मध्य विद्यालयों की स्थिति जस का तस ही है। राज्य सरकार के निदेशानुसार संबंधित विद्यालयों में अतिरिक्त कमरा निर्माण के लिए विभागीय अधिकारियों को प्लान एवं एस्टीमेट बनाने के लिए कहा गया है। इसके लिए विभागीय जेई विद्यालय पहुँचे भी लेकिन जमीन के अभाव में उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा।

प्रखण्ड की आधारपुर पंचायत के ताजपुर, रातगांव पंचायत के दुलारपुर पेठियागाछी, गौड़ा-2 पंचायत के मुसहरी, बरौनी-3 के बरियारपुर, पकठौल, धनकौल पंचायत के आलापुर, पिपरादोदराज पंचायत के परबन्दा, फुलवरिया-1 के उर्दू दरगाह टोला, फुलवरिया-2 के बी एम सी उर्दू तथा फुलवरिया-3 के विषहर थान, निपनिया मधुरापुर के निपनिया, शोकहारा तथा उर्दू मध्य विद्यालय बारो दक्षिणी को उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है। इनमें प्रायः सभी विद्यालयों के पास अतिरिक्त जमीन नहीं है जबकि निदेशानुसार 9वें वर्ग में बच्चों का नामांकन किया जा चुका है। शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों के समक्ष नामांकित बच्चों की वर्ग व्यवस्था करने का गम्भीर संकट उपस्थित हो गया है।

उत्क्रमित मध्य विद्यालय ताजपुर, पकठौल, आलापुर, परबंदा, बारो दक्षिणी, मुसहरी आदि 10 विद्यालयों के पास जमीन उपलब्ध नहीं है। प्रधानाध्यापकों का कहना है कि पूर्व निर्मित भवन के कमजोर होने से उसके उपर भवन निर्माण खतरनाक साबित हो सकता है। इस तरह बच्चों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है।

हालांकि, कोरोना के मद्देनजर अभी विद्यालयों में अध्यापन कार्य स्थगित है लेकिन अतिरिक्त कमरों के निर्माण की समस्या बरकरार है। शिक्षकों ने बताया कि ग्रामीणों, अभिभावकों तथा जनप्रतिनिधियों में संवेदनहीनता की स्थिति कायम होना चिंता का विषय है।

इस संबंध में पूछने पर बीईओ ने कहा कि यह राज्य सरकार का नीतिगत मामला है। इसलिए वे कुछ भी बताने से असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि विभाग इसके लिए प्रयत्नशील है।

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