श्री रामचरितमानस त्याग और समर्पण की है गाथा
फोटो नंबर: 14... हर स्त्री पुरुष का शरीर लंका है। जीव आत्मा इस शरीर रूपी लंका में कैद है। वह सदा श्री राम रूपी परमात्मा से मिल
तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। तेघड़ा नगर परिषद क्षेत्र में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित श्री रामचरितमानस व गीता ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों ने कहा कि श्री रामचरितमानस की गाथा त्याग और समर्पण की गाथा है। साध्वी अमृता भारती ने कहा कि इस इस जीवन में सीता आत्मा है, और श्री राम परमात्मा है। हर स्त्री पुरुष का शरीर लंका है। जीव आत्मा इस शरीर रूपी लंका में कैद है। वह सदा श्री राम रूपी परमात्मा से मिलना चाहती है। लेकिन मन रूपी रावण मिलने नहीं देता। संत सुकर्मानंद जी ने कहा कि सीता रूपी जीवात्मा जब व्याकुल होती है तब हनुमान जैसे संत मिलते हैं। ब्रह्म ज्ञान रूपी मुद्रिका देते हैं। जिसे पाते ही सब भ्रम नष्ट होता है। सीता रूपी आत्मा का श्री राम रुपी परमात्मा से मिलन होता है। संत ने कहा कि संत से मिलना ही असली सुख है। कार्यक्रम में रसभरे भजन में तबले पर राम चन्द्र, राजेश कुमार, गायक पवन कुमार व अन्यों लोगों का साथ माहौल को भक्तिमय बनाए हुए थे। साध्वी सुश्री प्रीति भारती आदि द्वारा गाए भजन में श्रद्धालु भाव विभोर हो रहे थे। पंडित संत कुमार संजय कुमार, शंकर कुमार, आदि लोंगों ने ज्ञान यज्ञ का संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विकास कुमार, सुबोध कुमार आदि लोग भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
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