तेघड़ा में लगातार बढ़ रहे हैं डेंगू के मरीज
अनुमंडलीय अस्पताल में इसकी जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं षद और प्रखंड क्षेत्र में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है कि एक-एक परिवार में पांच से छह
तेघड़ा, निज प्रतिनिधि। तेघड़ा नगर परिषद और प्रखंड क्षेत्र में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है कि एक-एक परिवार में पांच से छह मरीज हैं। तेघड़ा के निजी नर्सिंग होम में डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन अनुमंडलीय अस्पताल में डेंगू की जांच की सुविधा नहीं मिल रही है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के अनुसार डेंगू मरीजों का एलिसा टेस्ट सदर अस्पताल में हो रहा है। अनुमंडलीय अस्पताल में इसकी जांच नहीं होती है। अस्पताल आने वाले मरीजों का प्लेटलेटस की जांच होती है। टायफायड मरीजों के भी प्लेटलेट्स घट सकते हैं। इससे पक्के तौर पर नही कहा जा सकता है कि मरीजों को डेंगू ही है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि डेंगू की पहचान होने पर मरीजों को उपयुक्त इलाज किया जा रहा है। इधर डेंगू से पीडित मरीज के अभिभावक पप्पु अग्रवाल ने बताया कि उनके घर में एक एक कर पांच लोग डेंगू से पीडित हुए। डेंगू के चपेट में आए विकास बागीश और शशिभूषण भारद्वाज ने बताया कि वे लोग बाहर निजी क्लीनिकों में ही इसकी जांच करवाई और इलाज करवा रहे हैं। इधर नगर परिषद के पूर्व पार्षद कारी मुखिया ने बताया कि नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी ने चिकित्सा अधिकारी के साथ बैठक बुलाई। लेकिन वे बैठक में नहीं पहुंचे। जो चिकित्सक बैठक में पहुंचे उन्होने जांच किट कम मिलने की बात कही। दूसरी ओर कई लोगों का आरोप है कि निरंतर डेंगू मरीजों की संख्या बढने के बावजूद वार्डों व पंचायतों में दवाई की छिडकाव नहीं हो पा रहा है। इससे डेंगू के मच्छरों का प्रभाव बढता जा रहा है। पूर्व उप मुख्य पार्षद सुरेश प्रसाद रौशन ने बताया कि लगातार छिडकाव व अस्पताल में जांच की उत्तम व्यवस्था की जाना चाहिए। तेघड़ा विकास संघर्ष समिति के सचिव पवन ठाकुर ने कहा कि अगर डेंगू जांच की जल्द व्यवस्था नहीं हुई तो अस्पताल में धरना प्रदर्शन करेंगे।
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