मंझौल अनुमंडल स्तरीय रोगी कल्याण समिति के पुनर्गठन की मांग
बेगूसराय में मंझौल अनुमंडल के 30 लोगों ने रोगी कल्याण समिति को भंग करने और सार्वजनिक तरीके से नया गठन कराने की मांग की है। आरोप है कि अस्पताल प्रभारी ने गोपनीय तरीके से समिति का गठन किया और नियमों का...
बेगूसराय, निज प्रतिनिधि। बिना सूचना दिये ही चुपचाप तरीके से मंझौल अनुमंडल स्तरीय रोगी कल्याण समिति (शासी निकाय) गठन का मामला सिविल सर्जन के बाद डीएम के पास पहुंच गया है। शुक्रवार को मंझौल अनुमंडल के 30 लोगों से अधिक के द्वारा हस्ताक्षरयुक्त आवेदन डीएम को देकर रोगी कल्याण समिति को भंग कर सार्वजनिक तरीके से अनुमंडल स्तरीय रोगी कल्याण समिति गठन करने की मांग की है। आवेदन पर अनिल तांती, संजीव कुमार, दिलीप सहनी, राम कुमार, राजीव कुमार, मो. शकीम, मिथुन सहनी, उमेश रजक, कुंदन कुमार, कृष्णनंदन महतो, मनोज कुमार सिंह आदि का हस्ताक्षर है। जिलाधिकारी को दिये गये आवेदन में कहा गया है कि अस्पताल प्रभारी के द्वारा गोपनीय तरीके से रोगी कल्याण समिति का गठन कर अपने मनमाफिक लोगों को शामिल किया गया है। जबकि बिहार सरकार स्वास्थ्य समिति के द्वारा योग्य व्यक्ति, प्रतिनिधि, संस्था, एनजीओ, समाजसेवी, विधायक, सांसद प्रतिनिधि से लेकर जमीन दाता के परिवार का नाम जोड़ना है। लेकिन इस नियम का उल्लंघन किया गया है। आवेदन में आरोप लगाया गया है कि प्रभारी 12 साल से मंझौल अनुमंडल के विभिन्न अस्पतालों में रहे हैं। जहां भी रहे हैं उस अस्पताल की स्थिति बद से बदतर होती चली गयी। आवेदन में मंझौल अनुमंडल स्तरीय अस्पताल को बचाने के लिए नये सिरे से रोगी कल्याण समिति के गठन कराने की मांग की है।
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