Hindi Newsबिहार न्यूज़बेगूसरायCyclone Dana Brings Beneficial Rainfall to Bihar s Kharif Crops

तीन दिनों की हल्की बारिश खेती के लिए फायदेमंद

मौसम के शुष्क होने पर धान की कटनी व दौनी की सलाह... तीन दिनों से हल्की बारिश हो रही है। बारिश के कारण एक ओर जहां तापमान में गिरावट आयी है और ठंड का एहसा

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायSat, 26 Oct 2024 07:49 PM
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सिंघौल, निज संवाददाता। चक्रवाती तूफान दाना के प्रभाव से मौसम में आये परिवर्तन के साथ ही तीन दिनों से हल्की बारिश हो रही है। बारिश के कारण एक ओर जहां तापमान में गिरावट आयी है और ठंड का एहसास हो रहा है। वहीं यह बारिश मौजूदा खरीफ फसल के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। राहत की बात इतनी है कि बारिश के साथ हवा का प्रवाह ज्यादा नहीं है। पूसा स्थित कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की ओर से किसानों के लिए मौजूदा मौसम को देखते हुए समसामयिक सुझाव जारी किए गए हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार मौसम शुष्क होने पर किसान भाई धान की कटनी तथा दौनी के कार्य को उच्च प्राथमिकता देकर पूरा करने का प्रयास करें। राई, सुर्यमुखी, लहसुन, शरदकालीन गन्ना, मटर, राजमा की बुआई प्राथमिकता से करें। सब्जियों में आवश्यकतानुसार निकाई गुडाई करें एवं कीट तथा रोग-व्याधि का नियमित रूप से निरीक्षण करें। गेहूं एवं चना की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। खेत के आसपास के मेढ़, नालियों एवं रास्तों में उगे जंगलो की सफाई करें। गोबर की सड़ी खाच 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से पूरे खेत में अच्छी प्रकार बिखेरकर एवं जुताई कर मिला दें। सूर्यमुखी की बुआई करें। बुआई के समय खेत की जुताई में 30-40 किलोग्राम नेत्रजन, 80-90 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 40 किलोग्राम पोटास का व्यवहार कर सकते हैं। उत्तर बिहार के लिए सूर्यमूखी की उन्नत संकुल प्रभेद मोरडेन, सूर्या, सीओ-1 एवं पैराडेविक तथा संकर प्रभेद के लिए बीएसएव-1, केबीएसएच-1, केबीएसएच-44 एमएसएफएच-१. एमएसएफएच-8 एवं एमएसएफएच-17 अनुशंसित है। संकर किस्मों के लिए बीज दर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा संकुल किस्मों के लिए 8 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बुआई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम या कैप्टाफ दवा से उपचारित कर बुआई करे। वर्षा से रबी अभियान को होगा लाभ वहीं तेज हवा के कारण धान की फसल को हो सकता है नुकसान खोदावन्दपुर, निज प्रतिनिधि। चक्रवात दाना के प्रभाव से शनिवार को संपूर्ण बेगूसराय जिले में कमोबेश बारिश हुई। कृषि विज्ञान केंद्र बेगूसराय के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉक्टर रामपाल ने बताया कि केंद्र में स्थापित वेधशाला में 0.8 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड किया गया है। जो बेगूसराय की मिट्टी में महज नमी प्रदान कर सकता है। इस वर्षा से जहां एक ओर रबी फसलों जैसे सरसों, मसूर, आलू व मक्का सहित अनेक फसलों की बुआई में तेजी आएगी। जिस खेत में नमी कम हो गई थी। इस वर्षा के बाद वहां बुआई करने में मदद मिलेगी। वहीं दूसरी ओर तेज हवा के कारण धान की फसल को नुकसान होने की संभावना है। खेत में पक चुके सोयाबीन, मड़ुवा, ढैंचा आदि की फसलों को नुकसान होने की भी संभावना है। सब्जी की फसल तथा बोई जा चुकी सरसों आदि की फसलों को इस वर्षा के बाद कीटों से निजात मिल सकता है। जिले के किसी दूसरे क्षेत्र में अगर अधिक वर्षा हुई हो तो तिलहन की बुआई पर असर पड़ सकता है। उन्होंने किसानों को सलाह दिया है कि अपने खेतों में नमी की स्थिति देखकर सरसों की बुआई करें।

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