बखरी में शहर से गांव की तरफ फैल रहा कोरोना संक्रमण
बखरी। निज संवाददाता रोगियों मरीजों की संख्या 90 है तो वहीं शहरी इलाकों में इसकी संख्या 101 है। कोरोना से ग्रामीण इलाकों में भी लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया है। अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक...
बखरी। निज संवाददाता
शहरी इलाकों के बाद अब कोरोना का संक्रमण गांव में भी फैलने लगा है। हालांकि, शहरी इलाकों के मुकाबले गांव में मरीजों की संख्या फिलहाल कम है लेकिन अब गांवो में भी संक्रमण बढ़ने लगा है। गांव में लोग अब भी कोरोना के प्रति पूरी तरह से सजग नहीं हुए है। इसके कारण वहां इसका फैलाव बढ़ रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में यहां नगर और ग्रामीण इलाकों को मिला कर करीब 702 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें एक्टिव मरीजों की संख्या 191 है। गांव में एक्टिव रोगियों मरीजों की संख्या 90 है तो वहीं शहरी इलाकों में इसकी संख्या 101 है।
कोरोना से ग्रामीण इलाकों में भी लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हो गया है। अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यहां 16 लोगों की मौत कोरोना वायरस की चपेट में आने से हो गई। जबकि, कुछ लोग बाहर या प्राइवेट अस्पतालों में मरे हैं। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिनमें लक्षण तो थे लेकिन उनकी जांच नहीं हो सकी थी।
गांव में कोरोना जांच के प्रति जागरूक नहीं हैं लोग
देश-दुनिया में कोरोना ने तबाही मचा रखी है। ऐसे में आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग कोरोना जांच के प्रति जागरूक नहीं हैं। इस वजह से इसका फैलाव हो रहा है। लोग गांव में अब भी कोरोना के लक्षण मिलने पर आसपास के ग्रामीण चिकित्सकों पर भरोसा कर इलाज करवाते हैं। स्थिति खराब होने लगती है तब वे स्वास्थ्य केंद्र औऱ जिला मुख्यालय का रुख करते हैं। स्वास्थ्यकर्मियों के मुताबिक अब भी गांव के लोग कोरोना जांच के प्रति इच्छुक नहीं होते हैं। बावजूद टीम भेजकर उन्हें जांच कराने के लिए जागरूक किया जाता है। फिलहाल बखरी पीएचसी की दो टीम है जो जांच के लिए काम कर रही है। एक टीम अस्पताल में रहती है तो दूसरी टीम गांव में जाकर लोगों का जांच करती है। वहीं, राटन गांव में इसी सप्ताह की शुरुआत में दो दिनों के भीतर दो लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है। इनमें एक महिला की मौत रविवार को हुई है तो गांव के ही 60 वर्षीय सागर महतो की मौत मंगलवार को हो गई थी। वहीं परिहारा गांव में पिछले 24 घण्टे में दो लोगों की जान चली गई।
निजी समारोह से लोग नहीं कर रहे हैं परहेज
कोरोना के फैलते संक्रमण के बीच अब भी लोग निजी समारोह से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में लोगों को ऐसी चीजों से बचने की जरूरत है। ऐसे कार्यक्रमों को कम से कम लोगों की मौजूदगी में निपटाना चाहिए। हाल ही में सलौना गांव में एक शादी समारोह के दौरान 18 लोग पॉजिटिव पाए गए थे। बताया गया है कि यहां शादी थी जिसके बाद लोग बीमार पड़ने लगे। इनकी कोविड जांच की गई तो 18 लोग संक्रमित पाए गए। इनमें एक महिला की बाद में मौत भी हो गई। ऐसे में लोग अब भी इस तरह के कार्यक्रमों से परहेज नहीं कर रहे हैं। इसके कारण संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। वहीं, इस गांव के ही कुछ लोगों ने बताया कि संक्रमित होने के बाद लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम उनकी देखभाल करने भी नहीं आती है। उन्हें केवल दवा देकर छोड़ दिया जाता है।
किट की उपलब्धता पर करता है जांच निर्भर
कोविड-19 की जांच भी किट की उपलब्धता पर ही निर्भर है। अगर जांच किट उपलब्ध हो सभी संदिग्ध रोगियों की जांच की जा सकती है। अन्यथा, लोगों को लौटना पड़ता है। जानकारी के मुताबिक यहां पर 50 से 200 तक किट उपलब्ध कराया जाता है। इसके बाद जांच का लक्ष्य तय होता है। किसी दिन अगर 50 किट उपलब्ध हो और मरीजों की संख्या ज्यादा हो गई तो ऐसे में उन्हें लौट कर वापस जाना पड़ता है। वहीं, आरटीपीसीआर जांच के लिए भी 150 से 200 तक किट उपलब्ध कराया जाता है। किस दिन कितने जांच किट उपलब्ध होंगे, इसकी जानकारी भी यहां के कर्मियों को नहीं होती है। इधर, सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र जीतू ने प्रखंड के तमाम उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कोरोना जांच के लिए किट उपलब्ध कराने की मांग की है। कहा है कि अगर उप स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी उपलब्धता होगी तो ऐसे में संक्रमण का खतरा कम होगा और लोगों को वहीं पर जांच के साथ-साथ दवा भी मिल सकती है।
इधर, स्वास्थ्य प्रबंधक मनीष कुमार ने बताया कि संक्रमित मरीजों को दवा किट दिया जाता है। इसमें तमाम प्रकार की दवा उपलब्ध रहती है। उन्हें एंटीबायोटिक, विटामिन सी, पारासीटामोल, मल्टी विटामिन, जिंक आदि दवा दी जाती है।
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