निर्माणाधीन पुल के चलते दो भागों में विभक्त दिख रहा कल्पवास मेला क्षेत्र
प्रादेशिक व लीड पेज 4::::::सनिक कार्यालय की ओर आवागमन हो गया है कम फोटो नं.09, सिमरिया धाम में कल्पवास मेला क्षे
सिमरिया धाम, एक संवाददाता। इस साल निर्माणाधीन सिक्सलेन सड़क पुल के चलते कल्पवास मेला क्षेत्र दो भागों में बंटा दिख रहा है। सिमरिया कल्पवास मेला क्षेत्र के पहला व पश्चिमी भाग में जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए कंट्रोल रूम, मेला थाना, अस्पताल, खोया-पाया केंद्र, उद्घाटन पंडाल सह विश्रामालय पंडाल, महिला हेल्पलाइन, अग्निशमन, विद्युत व पीएचईडी कार्यालय है जबकि मेला के दूसरे भाग सिक्सलेन सड़क पुल से पूरब में कल्पवास क्षेत्र पड़ता है। दोनों की दूरी लगभग दो किलोमीटर रहने व सिक्सलेन सड़क पुल निर्माण स्थल के संकीर्ण रहने व जरूरत के हिसाब से प्रकाश की व्यवस्था नहीं रहने की वजह से खासकर बुजुर्ग साधु-संतों व श्रद्धालुओं को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विदित हो कि कल्पवास मेले में खासकर लोग उम्र के अंतिम पड़ाव में ही आते हैं। ऐसी स्थिति में दूरी अधिक रहने से बुजुर्ग कल्पवासियों का प्रशासनिक कार्यालय की ओर आवागमन कम हो गया है। कल्पवासियों का कहना है कि मेला में सूचना जनसंपर्क विभाग के द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को मेला क्षेत्र से बाहर उद्घाटन मंच पर होने की वजह से साधु-संत व कल्पवासी उक्त कार्यक्रमों का आनंद नहीं उठा पाते हैं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा कल्पवास मेला में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अगर कल्पवास क्षेत्र में ही आयोजन किया जाएगा तो श्रद्धालु भी इसका आनंद ले सकेंगे। सिमरिया कल्पवास मेला में नहीं गूंज रही मिथिला की मिठासभरी आवाज सिमरिया धाम, एक संवाददाता। हे बुच्ची काकी, अहाँ कहां छि हम भुतलाई गेलौ, हम सूचना केंद्र में खाड़ छि आबू हमरा लय जा...मिथिला की मिठासभरी ऐसी आवाज राजकीय कल्पवास मेला सिमरिया धाम में इस बार नहीं गूंज रही है। कल्पवास क्षेत्र व प्रशासकीय कार्यालय दोनों दो जगह रहने की वजह से ही अब पूर्व की तरह सूचना जनसंपर्क विभाग के द्वारा बनाए गए खोया-पाया केंद्र में लोगों के भटक जाने या अन्य जरूरी सूचना को लेकर एनाउंसमेंट की आवाज मेला में नहीं सुनाई दे रही है। गांवे में कर तू मजूरी ऐ बिहारी सईयां, मोरा सुनी रे मड़ईया से डर लागे... सिमरिया धाम, एक संवाददाता। राजकीय कल्पवास मेला के दौरान जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित संस्कृति संध्या के चौथे सत्र में गुरुवार की रात ओपेरा आर्ट सोसायटी बेगूसराय द्वारा सुगम संगीत, लोकगीत, भक्ति गीत एवं कहानियों का नाट्य मंचन किया गया। सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ जिला कला, संस्कृति अधिकारी श्याम कुमार सहनी ने किया। कलाकार सुशीला कुमार द्वारा सरस्वती वंदना, सारे तीरथ धाम हैं आपके चरणों में, हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणों में... लोक गीत-पावन पर्व होला ई यूपी-बिहार में बंबई आसाम गइल नईखे ज़रूरी, गांवे में कर तू मजूरी ऐ बिहारी सईयाँ, मोरा सुनी रे मड़ईया से डर लागे...आदि प्रस्तुति में संगत कलाकार के रूप में ढोलक पर नंदराज ने बखूबी साथ दिया। इस दौरान लेखक राजेश जोशी द्वारा लिखित पाप-पुण्य और अंडा चोर तथा हरिकिशोर ठाकुर द्वारा निर्देशित कहानियों की नाट्य प्रस्तुति की गयी। नाट्य मंचन के कलाकारों में हरिकिशोर ठाकुर, रंजन कुमार, सिकंदर शर्मा, सचिन कुमार, नवीन कुमार, विजेंद्र कुमार आदि थे। मंच पर शशिभूषण कुमार, मो. फुरकान आदि ने सहयोग किया। संचालन रामसुंदर गांधी तथा मंच सहयोगी के रूप में मनोज कुमार थे। कार्यक्रम समाप्ति पर जिला प्रशासन की ओर से जिला कला, संस्कृति अधिकारी ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्र और कल्पवास मेला का स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
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