गांव व नगर के बीच फंसी कबीर अंत्योष्टि की राशि
बीते 29 अप्रैल को हुई थी कोरोना से मौत, कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में कुछ ऐसे ग्रामीण इलाके हैं, जिन्हें नगर परिषद में शामिल...
बीते 29 अप्रैल को हुई थी कोरोना से मौत,
अब तक नही मिला मृत्यु प्रमाणपत्र,
सदर अस्पताल का चक्कर लगा रहे है परिजन,
बखरी के सलौना गांव का है मृतक
बखरी। निज संवाददाता
नगर व ग्रामीण इलाकों के पेंच में कबीर अंत्येष्टि की राशि फंस गई है। इस वजह से मृतक के परिजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में कुछ ऐसे ग्रामीण इलाके हैं, जिन्हें नगर परिषद में शामिल किया गया है। उन इलाकों में भी कई लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है। ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों को कबीर अंत्येष्टि की राशि नहीं मिल पाई है। इसके साथ-साथ ये अन्य सरकारी लाभ से फिलहाल वंचित है। हाल ही में नगर परिषद में शामिल हुए सलौना पंचायत के वार्ड संख्या 7 निवासी 40 वर्षीय स्नातन साह की मौत बीते 29 अप्रैल को कोरोना की वजह से हो गई। इनकी मौत बेगूसराय के पॉलिटेक्निक कॉलेज स्थित आइसोलेशन सेंटर में हुई है। मृतक की पत्नी मधु देवी ने बताया कि बीते 24 अप्रैल को बखरी अस्पताल में इनकी कोरोना जांच कराई गई। जिसमें वे पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद इलाज के लिए इन्हें बेगूसराय ले जाया गया। इनकी मौत को एक महीना होने चला है, श्राद्धकर्म भी हो गया, लेकिन सरकार की तरफ से मिलने वाली कबीर अंत्येष्टि की राशि अब तक नहीं मिली है। इतना ही नहीं इनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं मिला है। मृतक के भाई दीपक कुमार साह ने बताया कि उन्होंने कबीर अंत्येष्टि की राशि के लिए मुखिया से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि देखते हैं। हालांकि यह इलाका अब नगर परिषद में शामिल हो गया है। मृतक के भाई ने बताया कि मौत के बाद पॉलिटेक्निक कॉलेज से उन्हें कागज दिया गया और कहा गया कि आप सदर अस्पताल जाकर मृत्यु प्रमाण पत्र ले लीजिए। जब वे सदर अस्पताल गए तो उन्हें 20 दिन के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आने को कहा गया। जब वे 20 दिन बाद अस्पताल गए तो उन्हें कहा गया कल होगा, सिग्नेचर नहीं हो पाया है। फिर जब वे कल होकर गए तो उन्हें कहा गया 2 दिन बाद आइए। कुल मिलाकर मृतक के भाई चार बार सदर अस्पताल का चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें अपने भाई का एक मृत्यु प्रमाण पत्र तक नहीं मिला है। परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। स्नातन रिक्सा चलाकर घर परिवार चलाता था, उसके जाने के बाद घर की स्थिति दयनीय हो गई है। केवल एक 5 साल का बेटा है। जिसने ही पिता का दाह संस्कार किया था। परिजनों ने बताया कि सरकार की तरफ से मिलने वाली कोई भी राशि उसे अब तक नहीं मिली है।
इस मामले में पंचायत के मुखिया नजमा खानम ने बताया कि सलौना पंचायत का वार्ड संख्या 6 से 12 नगर परिषद में शामिल हो गया है। इन क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर से काम कराने पर रोक लगा दी गई है। बीडीओ और जेएसएस द्वारा कहा गया है कि इन वार्डों में ग्राम पंचायत स्तर से कोई भी काम नहीं कराया जाना है। मुखिया ने बताया कि नगर परिषद की तरफ से भी यहां कोई भी काम नहीं हो रहा है। जनता ऐसे में कहां जाएगी ना उसके लिए ग्राम पंचायत सहारा है और ना ही नगर सहारा बन रहा है। जो लोग कोरोना से मरे हैं, उन्हें कबीर अंत्योष्टि की राशि के साथ साथ तुरंत मुआवजा मुहैया कराना चाहिए। साथ ही ऐसे परिवारों को सरकार के स्तर से राशन की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। इस मामले में एसडीओ अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि नगर परिषद के साइट पर सलौना का अपडेट नहीं दिखाई पड़ रहा है। वही बीडीओ ने उन्हें बताया कि पंचायत स्तर से नगर परिषद में शामिल क्षेत्रों में काम नहीं कराने का निर्देश मिला है। एसडीओ ने बताया कि इस संबंध में वरीय अधिकारियों से वार्ता चल रही है। जल्द ही इसका निराकरण निकल जाएगा।
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