धूप में संभलकर बाहर निकलें, बिहार में 40 डिग्री जाने वाला है तापमान; अस्पतालों को अलर्ट
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 31 मार्च तक कुछ जिलों को छोड़कर बिहार के अधिकतर शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। इस बार मार्च अंत से ही हीटवेव के आसार हैं।

Heat Wave Bihar Weather: बिहार में मौसम के तेवर बुधवार से चढ़ना शुरू हो गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो से तीन दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी होगी। मार्च अंत से प्रचंड गर्मी शुरू हो जाने के आसार हैं। अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक जाने की आशंका है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। राज्य के सभी अस्पतालों को अलर्ट करते हुए हीट वेव के शिकार मरीजों के लिए 5-5 बेड आरक्षित करने को कहा गया है। उधर, भीषण गर्मी की आशंका को देखते हुए किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। रबी फसलों और फलों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। कृषि और उद्यान वैज्ञानिकों का मानना है कि पहले गर्मी शुरू होने से 15 फीसदी तक उत्पादन प्रभावित होगा।
मौसम विभाग के अनुसार 31 मार्च तक दक्षिण-पूर्व बिहार और उत्तर-पूर्व बिहार को छोड़कर शेष जगहों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा। राज्य के दक्षिण पश्चिमी भाग में इसका विशेष असर दिखेगा। एक दो जगहों पर हीट वेव जैसी स्थिति भी दिख सकती है। पिछले साल अप्रैल के पहले हफ्ते में हीटवेव के हालत बने थे। इस बार मार्च महीने से ही भीषण गर्मी पड़ रही है। अप्रैल और मई महीने में तो गर्मी के कई पुराने रिकॉर्ड टूट सकते हैं। ऐसे में धूप में निकलने से पहले लू से बचने के लिए ऐहतियात जरूर बरतें।
सरकारी अस्पतालों में पांच बेड सुरक्षित होंगे
प्रचंड तापमान की आशंका में स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा है। विभाग ने सभी अस्पतालों को हीट वेव के पीड़ित मरीजों के लिए पांच बेड सुरक्षित रखने को कहा है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निदेशक, प्राचार्य एवं अधीक्षकों तथा सभी जिलों के सिविल सर्जन एवं जिला ऐपिडेमियोलॉजिस्ट को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है। विभाग ने एसओपी का पालन करने का निर्देश देते हुए कहा है कि बच्चे, गर्भवती महिला, वरिष्ठ नागरिकों के बीच विशेष जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं।
पंखा, कूलर एवं अन्य इंतजाम रखे जाएंगे
सभी प्रखंड एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में आवश्यक संसाधन रखे जाएंगे। इनमें रेक्टल थर्मामीटर, पोर्टेबल बॉथ टब, आइस मेकर, ट्रम्पलिन, गार्डेन स्प्रेयर्स, आइस पैक, ठंडा पानी, पंखा, कूलर, ओआरएस पैकेट, एंटी डायरिया दवाएं तथा अन्य दवाओं की व्यवस्था पहले से की जाएगी। वहीं, जिला एवं प्रखंड स्तर पर गठित रैपिड रिस्पांस टीम को हीट वेव प्रबंधन के लिए सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं।
अस्पतालों में बनेगा ओआरएस कॉर्नर
समिति द्वारा जारी निर्देश के अनुसार सभी अस्पतालों में ओआरएस कॉर्नर बनेगा। ओपीडी में आने वाले मरीजों में हीट वेव से ग्रसित होने के लक्षण होने पर उनकी जांच की जाएगी। उनके लिए बैठने की उचित व्यवस्था के साथ ठंडे पानी की व्यवस्था होगी। उन्हें ठंडक प्रदान करने के लिए पंखा एवं कूलर अथवा अन्य उपाय किए जाएंगे। कर्मियों को रोस्टर बनाकर तैनात किया जाएगा।
एंबुलेंस तैयार रखने का निर्देश
हीट वेव से पीड़ित मरीजों के लिए एंबुलेंस को रोजाना चेकलिस्ट से मिलान करने और तैयार रखने को कहा गया है। साथ ही, हीट से संबंधित बीमारी एवं हीट वेव से संबधित तैयारियों एवं रिपोर्ट ऑनलाइन माध्यम से देने का निर्देश दिया गया है।