आजतक मूलभूत सुविधाओं से वंचित है बेलहर का चित्रसेन महादलित टोला
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- पीके विश्वकर्मा - 200 घरों की है आबादी - यहां का नल जल योजना है फेल - पिछले छह महीने से खराब है मशीन। -
बेलहर(बांका), निज प्रतिनिधि। प्रखंड क्षेत्र के घोड़बहियार पंचायत अंतर्गत चित्रसेन महादलित टोला में छह वर्ष पूर्व पीएचईडी के द्वारा नल जल योजना चालू किया गया था। 5 -5हजार लीटर के दो टंकी लगाई गए थे। करीब 140 घरों में सप्लाई लाइन के माध्यम से टोंटी लगाई गए थे। उद्देश्य घर घर नल का जल पहुंचाने का था। लेकिन कुछ दिनों बाद ही मेंटेनेंस के अभाव में टंकी, मशीन, मोटर, बोरिंग, सप्लाई लाइन सब खराब हो गए। शिकायतों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। आधे अधूरे जैसे तैसे कुछ कुछ करके समय बिताते रहा और महादलित पेयजल को आज तक टेस्ट रहे। गांव में अनेकों बार विकास शिविरों का आयोजन हुआ। शिकायत लिए गए। दावे किए गए लेकिन परिस्थिति जस की टस बनी हुई है।बताया जाता है की विभागीय अभियंता आते हैं चक्कर लगाकर चले जाते हैं और सब कुछ ठीक रहने की रिपोर्ट जिला को भेज देते हैं। कागजी खानापूर्ति में महादलितों को पेयजल मिल रहा है लेकिन जमीन पर नहीं। शिकायत कर कर के परेशान मुखिया रामानंद पंडित को खुद महादलितों के साथ मिलकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है। चित्रसेन गांव में लगे इस टंकी का बोरिंग खराब है। फिल्टर मशीन दो तीन सालों से खराब पड़ा हुआ है। फिल्टर मशीन के रूम का चदरे का छत जर्जर हो गया है बारिश में टपकता है। 5 -5 हजार लीटर के दो टंकी को भरने के लिए मात्र एक एचपी का मोटर लगाया है। न तो टंकी भर पाता है और और न ही सप्लाई लाइन में पानी जाने के लिए प्रेसर बनता है। जबकि गांव का पूरा सप्लाई लाइन भी सड़क बनने के कारण जर्जर और बाधित हो गया है। लोगों के घरों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता है। अनेकों टोंटियों के नल ही गायब हो गए हैं। चित्रसेन गांव के महादलित अभी भी अनेहों सुविधाओं से वंचित हैं। कई महादलित अभी भी फूस और करकट के घर में रह रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन और आवास योजना से वंचित है। हालाकि गांव में लगाए जा रहे विकास शिविरों के माध्यम से अनेकों समस्याओं का धीरे धीरे समाधान किया जा रहा है। इधर महादलित टोले में बिजली व्यवस्था भी जर्जर हो गया है। चित्रसेन में महादलितों का 200 घर की आबादी है। जिसमें एक ट्रांसफार्मर से विद्युत आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जबकि विद्युत विभाग द्वारा महादलितों के लिए दूसरा ट्रांसफार्मर कई महीने पहले लगा चुका है। लेकिन अब तक लोगों को कनेक्सन नहीं दिया है। नया ट्रांसफार्मर से मात्र 15 घरों को कनेक्सन दिया गया है। जिससे महादलित गांव के लोग जर्जर तार और लो वोल्टेज से परेशान रहते हैं। जबकि विद्युत विभाग के अभियंता द्वारा नर ट्रांसफार्मर से विद्युत सप्लाई चालू कर दिए जाने की कागजी खानापूर्ति कर दी गई है। महादलितों का कहना है की उनकी कोई सुनता ही नहीं है। सुनता भी है तो आश्वासन देकर गायब हो जाते हैं। चित्रसेन महादलित टोला में गलियों में पीसीसी सड़कें तो बन गई हैं लेकिन महादलितों के घरों के पानी निकासी के लिए अब तक नाली नहीं बन पाया है। जिससे महादलितों को अपने घरों के गंदे पानी को या तो घर के आगे या पिछवाड़े में बहाना पड़ता है। जिससे गंदे जल जमाव के कारण दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल होता है। गांव में सभी महादलित मजदूरी करने वाले हैं। कुछ गांव में रहकर मजदूरी करते हैं तो कुछ बाहर दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करते हैं। लेकिन इन महादलितों का जीवन स्तर अभी भी निम्न है। शिक्षा का स्तर अभी भी संतोष जनक नहीं है। अनेकों महा दलित युवक बेरोजगार हैं। जिन्हें काम नहीं मिलता है। अंत में गांव घर में मजदूरी करनी पड़ती है। बेरोजगार भत्ता अब तक किसी को नहीं मिलता है। पीएचईडी के जेई रमेश कुमार ने कहा कि टंकी का बोरिंग नया कराया गया है। एक एचपी का ही मोटर लगाया गया है। पाइप लाइन में लीकेज और व्यवधान के कारण कुछ घरों में पानी नहीं जा पा रहा है। जिसे ठीक कराया जाएगा।
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