मंदार में दो माह में जलाए गए छह सौ शव
बांका गोड्डा दुमका आदि जिलों के शवों का अंतिम संस्कार होता है मंदार मेंबांका गोड्डा दुमका आदि जिलों के शवों का अंतिम संस्कार होता है मंदार...
बौंसी(बांका)। निज संवाददाता/ हरिनारायण सिंह
बांका जिले के प्रमुख श्मशान घाट मुक्तिधाम मंदार में पिछले साल के मुकाबले इस साल अचानक 7 गुना अधिक शव जलाने में वृद्धि हो गई। अप्रैल और मई माह में तो यहां पर सारे रिकॉर्ड टूट गए। पापहरनी स्थित मुक्तिधाम में पिछले 2 माह के दौरान करीब 600 लोगों के शव जलाए गए। सबसे ज्यादा 20 अप्रैल के बाद ही शव यहां आ रहा है। बांका जिले के अलावे पड़ोसी राज्य झारखंड के गोड्डा, हंसडीहा, मोतिया, डुमरिया, सरैयाहाट, पोड़ैयाहाट सहित अन्य जगहों से लोग यहां आकर शव को जलाते थे। स्थानीय विजय कुमार एवं सावन ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से काफी राहत मिली है और दो चार शव ही प्रतिदिन मंदार पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को पिछले 1 सप्ताह के अंदर सबसे ज्यादा 7 शव जलाए गए। जबकि शनिवार को मात्र 2 लोगों के ही शव जलाने के लिए मंदार पहुंचे। भागलपुर व सुल्तानगंज गंगा घाट पर भीड़ के वजह से लोग मंदार में ही शव जलाते हैं।
नहीं हो सका हाईटेक शवदाह गृह चालू
मंदार पर्वतों तराई में वर्ष 2012 में ही हाईटेक शवदाहगृह का निर्माण करीब 50 लाख की लागत से किया गया, लेकिन यह अबतक चालू नहीं हो पाया है। इस वजह से यह लोगो को पुराने श्मशान घाट में शव को जलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालत ऐसी है कि रात में शव को अंधेरे में जलाना पड़ता है। हाई मास्ट लाइट शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। यहां तक कि शमशान घाट पर पीने का पानी की भी व्यवस्था नहीं है।
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