गौरीपुर में पानी संकट को लेकर समाजसेवी ने लिखा सीएम को पत्र
बोले बांका फॉलोअपबोले बांका फॉलोअप सात दिनों में नहीं हुई कार्रवाई तो भिक्षाटन कर गांव में करांएगे पानी उपलब्ध बांका। कार्यालय संवाददाता बांका

बांका। कार्यालय संवाददाता बांका जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत दोमुहान पंचायत के गौरीपुर गांव के नागरिक गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। महिलाएं और बच्चे नदियों और अन्य जल स्रोतों से पानी लाने के लिए घंटों कठिन श्रम कर रहे हैं, जिससे उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इस मामले को लेकर गत 17 अप्रैल को आपके अपने हिन्दुस्तान अखबार ने बोले बांका के तहत समाचार प्रकाशित किया था कि चुआड़ी का पानी पीने को मजबूर गांव के लोग। मामले को लेकर समाजसेवी जवाहर कुमार झा ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, यह केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि हमारे संविधान में निहित नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है। पानी की समस्या को लेकर प्रशासन का कोई ठोस कदम न उठाना यह दर्शाता है कि सरकार अपने नागरिकों की बुनियादी जरूरतों के प्रति गंभीर नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखकर अपील की है कि वह गौरीपुर गांव के नागरिकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें। यदि अगले सात कार्य दिवसों में इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती, तो वह स्वयं इन नागरिकों की मदद के लिए आर्थिक सहयोग एकत्रित करने की योजना बनाएंगे। जवाहर कुमार झा ने कहा कि यह कोई राजनीतिक विरोध नहीं है, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अपील की है कि वे इस मुद्दे को शीघ्र संज्ञान में लें और जिला प्रशासन को निर्देशित करें ताकि गौरीपुर गांव के नागरिकों को उनका हक समय पर मिल सके। श्री झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह भी कहा है कि हमें स्वतंत्र हुए 77 वर्ष बीत चुके हैं। तकनीकी रूप से हम काफी विकसित हुए हैं। बावजूद इसके लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। यह सामाजिक न्याय के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमन्द लोगों को बुनियादी सुविधाएं जल्द ही उपलब्ध कराएं।
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