कागज पर हो रही धान की खरीद गोदामों की जांच से हो रहा खुलासा
बांका में इस साल धान का रिकार्ड उत्पादन हुआ है, जिसमें 5.99 लाख एमटी धान की पैदावार हुई। सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 1.65 लाख एमटी कर दिया है। हालांकि, जांच में क्रय...
बांका। जिले में इस साल धान का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। यहां एक लाख 14 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की खेती हुई थी। जिसमें मानसून का साथ मिलने से पांच लाख 99 हजार एमटी धान का उत्पादन हुआ है। जिससे सरकार ने भी किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद के लक्ष्य को एक लाख एमटी से बढाकर एक लाख 65 हजार एमटी तय कर दिया है। इसके लिए क्षेत्र में 15 नवंबर से ही एमएसपी पर धान की खरीद जारी है। जो 15 फरवरी तक चलेगी। लेकिन यहां कागज पर भी धान की खरीद की जा रही है। जिसका खुलासा क्रय केंद्र की बिक्री पंजी और गोदाम में उपलब्ध धान की जांच से हो रही है। इसके लिए जिला स्तर के पदाधिकारियों को धान क्रय केंद्र के गोदामों की जांच के लिए लगाया गया है। इसमें शुक्रवार को जिला स्तरीय पदाधिकारियों की टीम ने बांका सदर प्रखंड के छत्रपाल पैक्स के क्रय केंद्र गोदाम की जांच की। इस टीम में जिला सहकारिता पदाधिकारी संतोष कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी एवं राज्य खाद्य निगर के जिला प्रबंधक राजीव कुमार रंजन शामिल थे। जिन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि जब संबंधित पैक्स के क्रय केंद्र गोदाम की जांच की गई तो एमएसपी पर किसानों से की गई धान खरीद की ऑनलाईन रिपोर्ट में 1112 क्विंटल धान खरीद का जिक्र है। जबकि क्रय केंद्र के गोदाम में महज 713.40 क्विंटल धान ही उपलब्ध थे। इस जांच में किसानों से एमएसपी पर किये गये धान खरीद में 398.6 क्विंटल धान कम पाये गये हैं। इसी तरह सहकारी समितियों के क्रय केंद्र गोदामों की जांच की जाये तो यहां कागज पर हो रही धान का खुलासे चौकाने वाले होंगे। पिछले दिनों हुई गोदामों की जांच में भी कम अनाज होने को लेकर जबाव तलब किया गया था। जिसका खुलासा होना बाकी है।
176 क्रय केंद्रों के जरिये की जा रही धान की खरीद: जिले में 176 सहकारी समितियों के जरिये क्रय केंद्रों पर धान की खरीद की जा रही है। इसमें 168 पैक्स एवं 8 व्यापार मंडल शामिल हैं। जहां अब तक 9018 किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 75 हजार 803 एमटी धान की खरीद हो चुकी है। जबकि एमएसपी पर धान बेचने को 29 हजार 831 किसानों ने सहकारिता विभाग की वेबसाईट पर आवेदन किया है। ऐसे में अब तक आवेदन करने वाले 20 हजार 813 किसानों ने एमएसपी पर क्रय केंद्रों में अपने धान नहीं बेचे हैं।
2024 में भी आधे दर्जन पैक्सों से धान का गबन: रजौन के पडघडी लकडा, धोरैया के दो, शंभूगंज के एक, बौंसी के एक व अरमपुर के एक पैक्स के खिलाफ खरीद किये गये धान का गबन करने के आरोप में कार्रवाई भी की गई थी। इसमें तो तीन पैक्सों ने खरीद की गई धान के एवज में मिलरों को एडवांस सीएमआर भी जमा नहीं किया था। जिससे खरीद किये गये धान से सीएमआर तैयार करा कर राज्य खाद्य निगम लिमिटेड का 93 एमटी सीएमआर आज भी बकाया है। जो अब ठंड बस्ते में है।
कोट: 176 सहकारी समितियों के जरिये की जा रही धान खरीद की मॉनिटरिंग जिला स्तर के पदाधिकारियों कर रहे हैं। जिस क्रय केंद्र के गोदाम में धान खरीद की ऑनलाईन रिपोर्ट एवं वहां उपलब्ध धान की मात्रा में अंतर पाये जाने पर संबंधित पैक्स व व्यापार मंडल के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इसके लिए लगातार क्रय केंद्र के गोदामों की जांच की जा रही है। -संतोष कुमार, डीसीओ, बांका।
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