Hindi Newsबिहार न्यूज़बांकाNew Education Policy Reduces Burden on School Children with Project-Based Learning in Banka

बच्चों के कौशल व शैक्षणिक ज्ञान को विकसति कर रहा प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम

परियोजना आधारित शिक्षण में शामिल किये गये कक्षा 6 से 8 तक के बच्चेपरियोजना आधारित शिक्षण में शामिल किये गये कक्षा 6 से 8 तक के बच्चे जिले के मध्य विद्

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाMon, 18 Nov 2024 01:26 AM
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बांका। निज प्रतिनिधि। नई शिक्षा नीति के तहत सरकारी स्कूलों के बच्चों के बस्ते का बोझ कम किये जाने की योजना है। इसके लिए बच्चों के पाठ्यक्रम और उसे पढाने के तरिकों में कई बदलाव किये जा रहे हैं। जिससे बच्चों के बस्ते का बोझ कम किये जाने के साथ ही उसके पाठ्यक्रम को मनोरंजक बनाया जा सके। जिससे वे पढाई से उबने की बजाय उसकी ओर आकर्षित हो सकें। इसके लिए जिले के सरकारी स्कूलों के कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग (पीबीएल) प्रोग्राम से जोडा जा रहा है। इसके लिए शनिवार को शहर के डायट बांका में जिला स्तरीय मेले का आयोजन किया गया था। जिसमें जिले के मध्य वद्यिालयों में संचालित प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग कार्यक्रम के तहत प्रखण्ड स्तरीय मेला में चयनित प्रतिभागियों ने अपने-अपने प्रोजेक्ट प्रस्तुत किये। जिसका उदघाटन जिला शिक्षा पदाधिकारी कुंदन कुमार ने की। जिसमें गुणवत्ता प्रभारी मनोहर कुमार सिंह, समन्वयक अंजु कुमारी एवं प्रखंड के नोडल शक्षिक उपस्थित थे। डीएओ ने बताया कि ये परियोजना आधारित शिक्षण एक अनूठी शिक्षण पद्धति है, जिसमें बच्चों को बडे ही रोचक और इनोवेटिव तरीके से किसी भी विषय व पाठ को समझाया जाता है। जिससे छात्रों के समग्र विकास को बढावा मिलने के साथ ही उसके शैक्षणिक ज्ञान और कौशल को भी विकसित किया जा सके। इसके सफल संचालन की जिम्मेदारी बीआरपी एवं प्रखंड तकनीकी टीम सहित नोड शिक्षकों को दी गई। जिससे कक्षा 6-8 के गणित एवं विज्ञान विषय के पाठ्यपुस्तक के पाठ्य आधारित प्रोजेक्ट का विद्यालय स्तर पर समुचित क्रियान्वयन किया जा सके। कहा कि प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग से बच्चे वास्तविक समय की समस्याओं को हल करने में सक्षम बनेंगे। जबकि पाठ्यक्रम से बच्चे महज सैद्धांतिक पहलुओं से ही वाकिफ हो पाते हैं। लेकिन अब इस परियोजना से बच्चों में आलोचनात्मक सोच और विश्लेषणात्मक कौशल विकसित होगा। प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग बच्चों के बौद्धिक और तार्किक विकास में सहायक साबित होगा। जिसे अब जिले के सभी मध्य विद्यालयों में लागू किया जा रहा है। इससे बच्चों के ज्ञान का दायरा बढने के साथ ही उनके बस्ते का बोझ भी कम होगा।

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