जिले में 1 लाख 55 हजार बच्चों का नहीं बना अपार कार्ड
पेज तीन की लीडपेज तीन की लीड 2266 स्कूल हैं जिले में संचालित 4 लाख 64 हजार 910 बच्चों का बनना है अपार कार्ड बांका। निज प्रतिनिधि अब
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बांका, निज प्रतिनिधि। अब नई शिक्षा नीति के तहत जिले के सभी स्कूलों में नामांकित बच्चों का आधार कार्ड की तरह ही 12 अंको का अपार आइडी कार्ड यानी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाया जा रहा है। जो वन नेशन, वन स्टूडेंट आइडी योजना के तहत बनाया जाना है। इसके लिए सभी स्कूलों स्कूली बच्चों के अभिभावक की सहमति पत्र लेते हुए उसका अपार कार्ड बनाया जा रहा है। यह आईडी सभी छात्रों के आधार संख्या पर आधारित होगी। ये अपार कार्ड स्कूली छात्रों के स्थानांतरण में तो काम आएगा ही, साथ ही 18 साल पूरे होने पर उसका नाम खुद ब खुद मतदाता पहचान पत्र बनाने में शामिल किया जा सकेगा। वहीं, इस आइडी में छात्रों के हर एक हुनर को भी दर्ज किया जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्री-प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक हर एक छात्रों का अपार कार्ड बनाये जाने की योजना तैयार की है। ये अपार कार्ड स्कूली बच्चों की विशिष्ट पहचान संख्या भी बनेगी। लेकिन अब तक जिले में महज 1 लाख 55 हजार बच्चों का ही अपार कार्ड बनाया जा सका है। जबकि यहां संचालित 2266 स्कूलों में चार लाख 20 हजार 549 बच्चे नामांकित हैं। इसमें अभी तक महज 2 लाख 64 हजार 910 बच्चों का ही अपार कार्ड बन सका है। जिसका प्रतिशत 62.99 है। जबकि करीब एक लाख 55 हजार बच्चों का अब तक अपार आईडी कार्ड नहीं बनाया जा सका है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूली बच्चों का बनाये जा रहे अपार कार्ड से शिक्षा के क्षेत्र में बडा बदलाव आयेगा। अपार आइडी कार्ड दरअसल आधार नंबर की तरह ही 12 अंकों का आइडी है। इस अपार कार्ड में छात्र की बचपन से लेकर हायर एजुकेशन तक पूरे शैक्षणिक सफलता की डिटेल होगी। इसमें छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों का पूरा ब्योरा दर्ज होगा। इस योजना के तहत छात्र को अजीवन एक खास पहचान मिलेगी। अपार आइडी कार्ड में छात्रों का नाम, लिंग, जन्मतिथि, पता, माता-पिता का नाम, फोटो के साथ ही उसकी शैक्षणिक यात्रा जहां तक की वे पढाई कर चुके हैं। उसका मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री व डिपलोमा का प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र एवं स्कूल परित्याग प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज भी मौजूद रहेंगे। अपार कार्ड में छात्रों की हर एक गतिविधि भी दर्ज की जा रही है। इसमें शैक्षणिक योग्यता के अलावे खेल प्रतियोगिता में हिस्सा, स्कॉलरशिप, जीते गये अवार्ड, स्किल ट्रेनिंग, एक्स्ट्रा करिकुलर, एक्टिविटीज एवं ओलंपिक में सहभागीता को भी अपार कार्ड में शामिल किया जा रहा है। इसके अलावे अपार कार्ड में छात्रों के ब्लड ग्रुप, उंचाई व वजन भी दर्ज किये जा रहे हैं। वहीं, अपार आईडी कार्ड एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) और डिजीलॉकर से भी जुडा हुआ है। जहां छात्र अपने दस्तावेजों यानी परीक्षा परिणाम एवं शैक्षणिक क्रेडेंशियल्स व दस्तावेजों को सुरक्षित रख सकते हैं। डीईओ कुंदन कुमार ने कहा कि जिले के सभी स्कूलों के प्रबंधन व विद्यालय प्रधान को हर छात्रों का अपार आइडी कार्ड बनाये जाने का निर्देश दिया गया है। जिसके जरिये छात्रों का शैक्षणिक डिटेल्स को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। छात्रों के अपार आइडी कार्ड को अभियान चलाकर पूरा किया जायेगा। जिन स्कूलों के बच्चों का अपार कार्ड नहीं बनाया जा रहा है। उस स्कूलों के विद्यालय प्रधान को स्पष्टीकरण जारी करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
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