सहस्त्र चंडी महायज्ञ: अग्नि प्रज्वलित करने क़े साथ ही हवन शुरू
धोरैया(बांका)संवाद सूत्रधोरैया(बांका)संवाद सूत्र प्रखंड के गौरा गांव में सहस्त्र चंडी महायज्ञ व मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित यज्ञ को लेकर बुधवार

धोरैया(बांका), संवाद सूत्र। प्रखंड के गौरा गांव में सहस्त्र चंडी महायज्ञ व मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित यज्ञ को लेकर बुधवार को विद्वान पंडित क़े द्वारा हवन कुंड में वैदिक मन्त्रोंचारण क़े साथ ही अग्नि प्रज्वलित कर हवन शुरू किया गया। पंडित क़े वैदिक मन्त्रोंचारण से पुरा इलाका गुंजायमान हो रहा है उधर हवन क़े उपरान्त कथावाचक क़े द्वारा सुनाए जा रहे भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक संजीव कृष्ण ठाकुर जी महाराज ने भागवत कथा का महात्म्य सुनाया।इस दौरान कथावाचक ने कहा की भागवत की रचना से पूर्व भगवान वेद व्यास का भी चित्त अशांत था। भागवत को जानने के बाद उनके चित्त में परम विश्राम हुआ।उन्होंने कहा की भागवत कथा में 12 स्कंद ,335 अध्याय तथा 18 हजार श्लोक है। जिसके भी घर में भागवत जी का ग्रंथ विराजमान हो ,उसका कल्याण हो जाता है। कथावाचक ने कहा की भागवत कथा के श्रवण से श्रोता के चित्त में प्रसन्नता होती है। कथा के प्रति प्रेम के बिना कथा सुनने का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने राजा परीक्षित और सुखदेव जी की भी कथा सुनाई। कहा की भागवत कथा कोई सामान्य ग्रंथ नहीं है। यह भगवान का वांग्मय ग्रंथ है। यह वैष्णवों का सबसे बड़ा धन है।उन्होंने सूत जी महाराज व सोनकादिक ऋषियों के संवाद के बारे में भी कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि सुखदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को, भगवान शंकर ने मैया पार्वती को, सनत कुमार ने नारद जी को कथा सुनाई।उन्होंने कहा की भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति के सारे दोष व पाप नष्ट हो जाते हैं तथा व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त करता है।वही कथा सुनने के लिए पंडाल में भारी भीड़ उमड़ रही है।वहीं क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना हुआ है।इसके अलावा इस मौके पर आयोजित मेले का भी लोग लुफ्त उठा रहे हैं। वही बुधवार को परम पूज्य शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज का आगमन हो चुका है।
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