बौसी मेले के दौरान लोगों के घरों में रहते हैं मेहमान
बौंसी। समुद्र मंथन से निकले अमृत की रक्षा हेतु मोहिनी रूप धारण किया गया। मंदार क्षेत्र में मकर संक्रांति का मेला जनजातीय समुदाय के लिए विशेष होता है। इस अवसर पर भगवान की शोभायात्रा और इस्कॉन के...
बौंसी। निज संवाददाता समुद्र मंथन से निकले अमृत को असुरों से बचाने हेतु मोहिनी रूप धारण किया। वीरासुर मधु दैत्य का वध करने मधुसूदन पधारे भगवान मधुसूदन मंदार क्षेत्र के राजा कहे जाते हैं। मंदार क्षेत्र के लोग अपने जीवन से जुड़े हर पर्व त्यौहार उत्सव उन्हें ही समर्पित कर मनाते हैं। मंदार क्षेत्र जनजातीय बहुल क्षेत्र है। मंदार इसका प्रसिद्ध तीर्थ है मंदार क्षेत्र में लगने वाले बौसी मेला मकर संक्रांति मेला की पहचान जनजातीय मिश्रित मेला के तौर पर है। मंदार के उत्सवों में सबसे अधिक भागीदारी जनजातीय समुदाय की होती है। मकर संक्रांति के अवसर पर भगवान की शोभायात्रा में महात्मा भोली बाबा आश्रम से आने वाले श्रद्धालु भी यात्रा के मुख्य आकर्षण होते हैं। जबकि बंगाल के विभिन्न जिलों से इस्कॉन के भी काफी संख्या में सदस्य यहां आकर भगवान के रथ के आगे हरे रामा हरे कृष्णा के धुन पर नाचते गाते चलते हैं। इसीलिए मकर संक्रांति का जब अवसर आता है तो अंग-बंग संस्कृतियों के मिलन का गवाह मंदार क्षेत्र बन जाता है। मकर संक्रांति के अवसर पर मंदार क्षेत्र के विभिन्न घरों में लोक उत्सव के जैसा माहौल बन गया है।
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