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बांका में धड़ल्ले से संचालित हो रहा प्रतिबंधित लॉटरी का कारोबार

गोरखधंधा के संचालन से जमकर भोली भाली जनता की जेब हो रही है ढीलीगोरखधंधा के संचालन से जमकर भोली भाली जनता की जेब हो रही है ढीली करोड़पति बनने के झांसे

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाMon, 21 April 2025 01:27 AM
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बांका में धड़ल्ले से संचालित हो रहा प्रतिबंधित लॉटरी का कारोबार

बांका, एक संवाददाता। बिहार राज्य में प्रतिबंधित लॉटरी टिकट का कारोबार जिले के बांका बाजार में खूब फल फूल रहा है। यहां मणिपुर और नागालैंड राज्य में बिकने वाले लक्की ड्रॉ के लॉटरी टिकट का डमी प्रिंट कराकर अवैध ढंग से लोगों को जमकर बेचा जा रहा है। जिससे कई लोग कम समय में शॉर्टकट से लखपति और करोड़पति बनने का सपना संजोए लोग अपनी गाढ़ी कमाई के हिस्से से रोजाना तय समय में टिकट लेकर अपना भाग्य ऑनलाइन जाकर चेक भी करते हैं। महीने में दो चार लोगों को 4000 से 5000 और एक दो को 50-60 हजार से 70-80 हजार तक की रकम लॉटरी में निकल जाती है। जिससे जल्द ही एक करोड़ की पहली इनामी राशि पाने के लिए माध्यम वर्गीय लोग और अधिक तन्मयता से अधिक कीमत की टिकट खरीदने की लालच में फंसते जाते हैं। सूत्रों की माने तो रोजाना शहर के शिवाजी चौक, डोकानिया मार्केट, कटोरिया बस स्टैंड, गांधी चौक और शास्त्री चौक के साथ ही सरकारी भागलपुर बस स्टैंड पर कई दुकानों में लॉटरी टिकट के खरीद बिक्री करने वाले दलाल सक्रिय दिख जाएंगे। इसके साथ ही कई चाय दुकानदार, सत्तू विक्रेता, ठंडा और पानी बेचने की आड़ में अवैध लॉटरी टिकट की मोटी बिक्री हॉलसेल और रिटेल के जरिए इसके एजेंट करते हैं। सबसे कम 50 रुपए के कीमत से शुरू होकर 100, 200, 300 और 500 तक की कीमत के टिकट बिकते हैं। रोजाना बांका शहर के बाजार और ग्रामीण इलाकों के लोगों द्वारा लाखों रुपए की फर्जी लॉटरी टिकट खरीदी जाती है। लॉटरी सरगना के मास्टरमाइंड द्वारा पड़ोसी राज्य झारखंड के जिले के किसी प्रिंटर्स स्टूडियो से टिकट छपवा कर लाए जाने के साथ ही अपने बने सिंडिकेट के जरिए रोजाना बाजार में फैलाया जाता है। जिसका डेली कलेक्शन रोजाना ऊपर तक उसी माध्यम से पहुंचता भी है। शहर के कई लोगों का कहना है कि रोजाना मणिपुर और नागालैंड स्टेट लॉटरी के नाम पर उसकी फर्जी छपाई गई सेम सीरियल ऑर्डर और नंबर के टिकट की अवैध खरीद बिक्री भी एक नीयत समय सीमा और नियम से होती है ताकि किसी को फर्जीवाड़ा का एहसास भी ना हो सके। इसलिए एक दिन में तीन प्रकार के टिकट के ड्रॉ एक बार दोपहर 1 बजे, फिर शाम 6 बजे और फिर रात्रि 8 बजे अलग अलग लकी ड्रॉ का लॉटरी रिजल्ट लॉटरी संवाद नामक एक वेबसाइट पर मोबाइल में दिखाई देता है। जिससे अनपढ़ के साथ पढ़े लिखे और व्यापारी वर्ग भी इसके झांसे में आसानी से फंस जाते हैं।शहर में कुल 26 वार्ड सेलर घूम घूमकर भी लॉटरी टिकट मोटी कमीशन मिलने के लालच में बेचते हैं। लॉटरी माफियाओं का नेटवर्क जिले के अमरपुर, रजौन,बौसी बाजार,शंभूगंज जैसे अन्य छोटे बड़े कस्बे और बाजारों में फैला है। केवल बांका शहर में प्रतिमाह करोड़ों का टर्नओवर गैरकानूनी ढंग से हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस प्रतिबंधित लॉटरी का अवैध कारोबार में पुलिस प्रशासन के कुछ पदाधिकारियों की मिलीभगत है तथा उनके संरक्षण में संचालित होने की भी चर्चा तेजी से हो रही है। लोगों का कहना हैकि लॉटरी गिरोह का मुख्य कारोबारी शहर के एक कपड़ा व्यापारी से भी संबंधित है। हालांकि बांका पुलिस ने अबतक दो बार मुख्य सरगना के सक्रिय सदस्य को शिवाजी चौक के दाता स्थान से दो बार वर्ष 2019 और वर्ष 2023 में भारी भरकम अवैध टिकट के साथ गिरफ्तार कर जेल भी भेजा है लेकिन पुनः जेल से बाहर होने के बाद उसी गिरोह के नेटवर्क को और बढ़ाने में जुट जाता है। वहीं एसडीएम अविनाश कुमार ने कहा कि लॉटरी के गोरखधंधा पूरी तरह से गैरकानूनी है। इसकी बिक्री की जानकारी उन्हें नहीं थी। अगर किसी के द्वारा बांका जिले में इसके खरीद बिक्री का नेटवर्क चलाया जा रहा है तो उसपर जल्द ही कड़ी से कड़ी कारवाई की जायेगी।

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