जिले में प्रभार की बैशाखी पर चल रहा शिक्षा विभाग
पेज तीन की लीडपेज तीन की लीड हिन्दुस्तान विशेष एक डीपीओ को शिक्षा विभाग के दो कार्यालय का प्रभार 8 प्रखंडों में डीसीओ, एलईओ,
बांका, निज प्रतिनिधि। सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए सरकारी स्कूलों को मूलभूत सुविधाओं के साथ ही संसाधनों से भी लैस किया जा रहा है। इसके लिए स्कूलों में शौचालयों का निर्माण व पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। स्कूलों में मनरेगा योजना के तहत मैदान का निर्माण व भवनहीन स्कूलों में भवन बनाये जा रहे हैं। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए शिक्षकों की ऑनलाईन उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है। जिससे भगोडे शिक्षकों पर नकेल कस गई है। अब शिक्षक नियमित स्कूल आने लगे हैं। जिससे स्कूलों में पठन-पाठन की स्थिति बेहतर होने लगी है। लेकिन आज भी यहां शिक्षा विभाग प्रभार की बैशाखी पर ही चल रहा है। यहां एमडीएम के डीपीओ राज कुमार राजू को एसएसए का भी प्रभार दिया गया है। यही नहीं यहां आठ प्रखंडो में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी (बीसीओ), प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (बीसीओ), श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी (एलईओ) व प्रखंड कल्याण पदाधिकारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की कमान संभाले हुए हैं। जबकि यहां महज तीन प्रखंड में ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यरत हैं। यहां प्रभार पर चल रहे शिक्षा विभाग की वजह से स्कूलों की मॉनिटरिंग से लेकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी ग्रहण लग रहा है। जबकि शिक्षा विभाग ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को हर महीने 25 विद्यालयों की जांच का टास्क दिया है। ऐसे में अपने विभाग का कार्य निपटाने और स्कूलों की जांच सहित अन्य कार्य में प्रभारी पदाधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। वहीं, स्कूलों की नियमित निगरानी नहीं होने से इसका असर पठन-पाठन व एमडीएम सहित अन्य कार्यों पर भी पड रहा है। सूबे में 1991 के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद पर बहाली नहीं हुई है। जिससे जिले में सेवानिवृत होने वाले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद रिक्त पडे हुए हैं। जिसे भरने के लिए प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी (बीसीओ), प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (बीसीओ), श्रम प्रर्वतन पदाधिकारी (एलईओ) व प्रखंड कल्याण पदाधिकारी को अतिरिक्त प्रभार देकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की कमान सौंपी गई है। जिससे इनके अपने विभाग के कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। बांका के डीईओ कुंदन कुमार ने बताया कि सूबे में 1991 के बाद से बीईओ पद पर बहाली नहीं हुई है। जिससे यहां सेवानिवृत होने वाले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद रिक्त पडे हुए हैं। जिसे भरने के लिए अन्य विभागों के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जिससे शिक्षा व्यवस्था की निगारानी के साथ ही स्कूलों की भी नियमित जांच की जा सके। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ ही शिक्षा व्यवस्था की हर गतिविधियों पर नजर बनाये रखने के लिए ये जरूरी है।
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