महिला सशक्तीकरण को मिलेगा बढ़ावा, नाबार्ड ने रणनीति बनाई
कटोरिया में नाबार्ड ने महिला उत्थान और सशक्तिकरण के लिए एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में महिला कृषकों और संस्थानों की महिलाओं ने भाग लिया। विभिन्न योजनाओं और अवसरों पर चर्चा हुई, जिसमें कृषि और...

कटोरिया। आगामी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर नाबार्ड द्वारा महिलाओं के सम्मान सप्ताह के तहत गुरुवार को मुक्ति निकेतन कटोरिया स्थित सभागार में बैठक आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक अभिषेक आलोक ने की। इस बैठक का उद्देश्य महिलाओं के उत्थान, उनके विचारों को जानने और नारी सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाओं और अवसरों को उजागर करना था। बैठक में बांका जिले के विभिन्न प्रखंडों से महिला कृषक, कृषक उत्पादक संघ और नाबार्ड से जुड़े संस्थानों की महिलाएं शामिल हुईं। बैठक का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसमें नारी शक्ति की महत्ता और सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में दीप जलाए गए। इस अवसर पर नाबार्ड की कार्य योजना के तहत महिलाओं को कृषि और स्वरोजगार के लिए उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं और योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही, बैंकों द्वारा महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसरों और कृषि कार्यों में मदद के लिए दिए जाने वाले लोन और अन्य वित्तीय सहायता के बारे में भी बताया गया। बैठक में विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं ने अपने अनुभवों और सफलता की कहानियों को साझा किया। महिला कृषक मुनिया दीदी ने अपने नर्सरी के अनुभव को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया और बताया कि कैसे उन्होंने कृषि कार्य के माध्यम से अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सफलता प्राप्त की। वहीं, जीविका दीदियों ने स्वयं सहायता समूह के फायदे और उनके द्वारा बकरी पालन, कृषि, और लघु उद्योग जैसे क्षेत्रों में किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे लोन लेकर और समूह के माध्यम से काम करके वे अपने जीवन में आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता हासिल कर रही हैं। संस्था सचिव चिरंजीव कुमार सिंह ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि नाबार्ड महिलाओं को उनके आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है और आगे भी ऐसे प्रयास किए जाएंगे जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। वहीं पिंकी मुखर्जी, जो अगरबत्ती, टेडी बियर और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों के प्रशिक्षण में माहिर हैं, ने महिला कृषकों को छोटे पैमाने पर खुद का व्यवसाय स्थापित करने के बारे में भी मार्गदर्शन दिया। डॉ. नेहा सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र की योजनाओं के बारे में बताते हुए महिला किसानों को नवीनतम कृषि पद्धतियों और तकनीकी सहायता के बारे में बताया। बैठक के दौरान, सभी उपस्थित महिलाओं ने अपने अनुभवों को साझा किया और एक-दूसरे से सीखा। इस मौके पर एलडीएम बांका कुमारेश बिहारी शरण, कृषि विज्ञान केंद्र बांका की वैज्ञानिक डॉ नेहा सिंह, सामाजिक सेविका पिंकी मुखर्जी सहित दर्जनों की संख्या में महिला कृषक उपस्थित थीं।
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