श्रीकृष्ण की दिव्य लीला सुन श्रद्धालु हुए भाव-विभोर
पंजवारा के खटनई गाँव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक भागवत शरण जी महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कैसे श्रीकृष्ण ने माखन चुराकर यशोदा मैया को प्यार...
पंजवारा(बांका),निज प्रतिनिधि पंजवारा के सीमावर्ती खटनई गाँव में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन सोमवार को कथावाचक भागवत शरण जी महाराज ने श्रीकृष्ण लीला का दिव्य दर्शन करा कर सैकड़ों श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।उन्होंने श्रीकृष्ण के बाल लीला का व्याख्यान करते हुए कहा कि वे माखन चुरा कर इसलिए खाते थे,कि ताकी मैया यशोदा की डांट उन्हें खानी पड़ी।मां के डांट में भी उन्हें प्यार नजर आता था।यशोदा मैया जब श्रीकृष्ण के नटखटता से त्रस्त हो गई तो एक बार उन्हें ओखल में बांध दिया और अपने दैनिक कार्य को निबटाने लगी,लेकिन साक्षात नारायण अवतार को बांध कर रखना कोई मामूली बात नहीं थी,फिर तो बड़े-बड़े वृक्ष गिरने लगे धरती हिलने लगी।तब यशोदा मैया को एहसास हुआ की उनका पुत्र कोई मामूली बच्चा नहीं।साक्षात नारायण को पुत्र के रुप में पाकर वह धन्य-धन्य हो गई।उन्होंने पूतना वध से लेकर गोपियों संग रासलीला की प्रस्तुति भी बड़े ही मनोरम तरीके से प्रस्तुत किया।भागवत कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कथा स्थल पर उमड़ रही है।वहीं सोमवार देर शाम को कथा समापन के उपरांत भंडारा का भी आयोजन किया गया।जिसमें सैकड़ों लोगों ने भंडारा का प्रसाद ग्रहण किया।
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