उत्पादन के मुताबिक धान खरीद का लक्ष्य तय होने से समृद्ध होंगे किसान
पेज तीन की लीडपेज तीन की लीड अब तक सरकार की ओर से जिले को जारी नहीं किये हैं धान खरीद के लक्ष्य 15 नवंबर से ही जिले में शुरू है
बांका। निज प्रतिनिधि जिले में इस साल धान की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है। जो पिछले सारे रिकार्ड तोडते हुए किसानों के धान का कटोरा भरेगा। खरीफ मौसम में मानसून का साथ मिलने की वजह से यहां धान की खेती का रकबा भी बढा है। यहां पिछले एक दशक से 98 एवं 96 हजार हेक्टेयर भूमि में सिमटा धान की खेती का रकबा एक लाख हेक्टेयर के पार हो गया है। इस खरीफ मौसम में यहां एक लाख नौ हजार 816 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती हुई है और फसल भी अच्छे हुए हैं। जिसकी कटाई नवंबर के पहले सप्ताह से ही शुरू हो गई है। समय से धान का फसल तैयार होने और उसकी कटाई भी किसान समय से कर रहे हैं। क्षेत्र में अब तक यहां करीब 40 फीसदी धान की कटाई हो चुकी है। वहीं, किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद किये जाने को लेकर कृषि विभाग की ओर से पूर्व में ही जिले में पांच लाख 99 हजार 532 एमटी धान के उत्पादन का अनुमानित आंकडा पेश किया गया है। जिसके आधार पर यहां 162 सहकारी समितियों के जरिये किसानों से एमएसपी पर धान की खरीद भी शुरू कर दी गई है। इसमें 155 पैक्स एवं सात व्यापार मंडल शामिल हैं। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से जिले को धान खरीद का लक्ष्य जारी नहीं किया गया है। ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से अभी सभी क्रय केंद्रों को एक-एक लॉट धान की खरीद का टास्क किया गया है। लेकिन अमूमन ये देखा गया है कि सरकार की ओर से जिले को दिये जाने वाले धान खरीद के लक्ष्य के बाद पंचायतों में होने वाले धान के उत्पादन के मुताबिक सहकारी समियिों को किसानों से एमएसपी पर धान खरीद का लक्ष्य तय करने में असमानता बरती जाती है। जिससे क्षेत्र के कई किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लाभ से वंचित रह जाते हैं। वहीं, सहकारी समितियों में भी असंतोष बना रहता है। इसको लेकर पूर्व में भी कई बार सहकारी समितियों की ओर से आवज बुलंद की गई है। अगर पंचायतों में हुए धान के उत्पादन के मुताबिक सहकारी समितियों को धान खरीद का लक्ष्य दिया गया तो यहां ग्रास रूट पर खडे किसानों तक न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ पहुंचाया जा सकता है। इससे वे एमएसपी से कम कीमत पर खुले बाजारों - मंडियों व बिचौलियों के पास अपना धान बेचने को मजबूर नहीं होंगे। क्षेत्र में हुए उत्पादन के मुताबिक धान खरीद का लक्ष्य तय होने से यहां के किसान उत्पाद का वाजिव मूल्य मिल सकेगा और वे समृद्ध होंगे।
15 दिन में हुई 533 एमटी धान की खरीद
जिले के 162 क्रय केंद्रों पर किसानों से एमएसपी पर धान की खरीद की जा रही है। लेकिन यहां 189 पैक्सों में 113 पैक्सों में हो रहे चुनाव से धान खरीद की रफ्तार धीमी है। यहां 15 दिनों में 95 किसानों से महज 533 एमटी धान की ही खरीद की जा सकी है। जबकि यहां एमएसपी पर क्रय केंद्रों के जरिये अपना धान बेचने के लिए 24 हजार 809 किसानों ने विभाग की वेबसाईट पर अपने आवेदन किये हैं। इसमें 10 हजार 239 रैयत एवं 14 हजार 570 गैर रैयत किसान शामिल हैं।
धोरैया, रजौन व अमरपुर में होंगे सबसे अधिक उत्पादन
जिले में इस बार धान उत्पादन के क्षेत्र में तीन प्रखंड शीर्ष पर रहेंगे। जहां 60 हजार एमटी से भी अधिक धान का उत्पादन होने की उम्मीद है। इसमें पहले नंबर पर धोरैया, दूसरे पर रजौन एवं तीसरे नंबर पर अमरपुर प्रखंड है। यहां धोरैया में सबसे अधिक 15566 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती हुई है। जहां 85 हजार 614 एमटी धान के उत्पादन की संभावना है। उसी तरह रजौन में 12 हजार 738 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती हुई है, जहां 72 हजार 605 एमटी एवं अमरपुर में 11 हजार 885 हेक्टेयर में हुई धान की खेती से यहां 65 हजार 370 एमटी धान उत्पादन होने की संभावना है।
धान की खेती का रकवा व उत्पादन का अनुमानित आंकडा
प्रखंड रकबा हेक्टेयर में उत्पादन एमटी में
धोरैया 15566 85614
रजौन 12738 72605
अमरपुर 11885 65370
शंभूगंज 11059 60826
बांका 9196 51496
बाराहाट 9039 49715
चांदन 8833 48423
बेलहर 8959 47483
बौंसी 8965 46618
कटोरिया 7877 41748
फुल्लीडुमर 5699 29634
कोट...
सरकार की ओर से अभी जिले को एमएसपी पर किसानों से किये जाने वाले धान खरीद का लक्ष्य नहीं दिया गया है। जिससे अभी यहां के निबंधित 162 सहकारी समितियों को एक-एक लॉट धान खरीद का टास्क दिया गया है। सरकार से लक्ष्य मिलने के बाद पंचायतों में हुए धान के उत्पादन के मुताबिक सहकारी समितियों को किसानों से एमएसपी पर किये जाने वाले धान खरीद का लक्ष्य दिया जायेगा।
मनोज कुमार, डीएसओ, बांका।
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