जिले में बढ रहा आम की खेती का दायरा
पेज तीन की लीडपेज तीन की लीड हिन्दुस्तान विशेष 55 हजार एमटी जिले में आम के उत्पादन की उम्मीद 4 हजार आम के पेंड जिले में लगाये जा

बांका, निज प्रतिनिधि। जिले में आम की खेती का दायरा बढ रहा है। जिससे आम बगान मालिकों के लिए आम की खेती रोजगार के बेहतर जरिया बन रहा है। इस साल यहां करीब 55 हजार एमटी आम के उत्पादन की उम्मीद है। ये लक्ष्य सांख्यिकि विभाग की ओर से आम के क्रॉप कटिंग व सर्वे के आधार पर तय की गई है। बांका जिले में उत्पादन होने वाले आम उच्च क्वालिटी के होते हैं। जिससे यहां के आम की मांग क्षेत्रीय बाजारों के अलावे अन्य जिले व प्रांतों में भी है। इसमें खास कर यहां उत्पादन होने वाले बंबई, मालदा, गुलावखास व बीजू आम की डिमांड अधिक है।
यहां हो रहे आम के उत्पादन व उसके व्यापार से कई आम बगान मालिकों की जिंदगी संवर रही है। क्षेत्र में आम का सीजन शुरू होने से पहले और पेंड पर मंजर लगते ही अन्य जिले व प्रांतों के व्यापारी आम बगान की बोली लगाकर उंची कीमत पर बगान में लगे सारे आम खरीद लेते हैं। इसके बाद आम का सीजन शुरू होते ही आम तोडाई कर भागलपुर, पटना, कोलकाता व मुंबई तक यहां के आम का व्यापार किया जाता है। यहां आम के मार्केटिंग की जिम्मेदारी व्यापारियों की होती है। जबकि बगान मालिक बगान में लगे आम की सुरक्षा करते हैं। इससे यहां आम का उत्पादन और उसका व्यापार विस्तृत आकार ले रहा है। जिससे यहां के बगान मालिकों की भी आर्थिक स्थिति संवर रही है। अब तो क्षेत्र के कई किसान मौसम की बेरूखी व उसके उतार-चढाव से पारंपरिक खेती को छोड आम के बगान लगाने शुरू कर दिया हैं। बगान मालिक मो हुसैन, नीरज सिंह, मो अब्दुल कादरी व लोकेश ने बताया कि आम के उत्पादन और उसके व्यापार से उन्हें पारंपरिक फसलों से अधिक आमदनी होने से उनकी जिंदगी संवर रही है। जिले को आम के उत्पादन का हब बनाये जाने की है योजना बांका जिले को आम के उत्पादन का हब बनाये जाने की योजना है। इसके लिए उद्यान विभाग की ओर से कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। इसमें खास कर सघन बागवानी व आम बाग योजना शामिल हैं। इसके तहत क्षेत्र के किसानों को एक-एक हेक्टेयर भूमि में 400 आम का पौधा लगाने के लिए 50 फीसदी अनुदान पर 50 हजार की राशि दी जा रही है। पिछले साल भी एक दर्जन से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिया गया था। सबौर कृषि विश्वविद्यालय से की जा रही पौधों की खरीद जिले में आम का बाग लगाने के लिए सबौर कृषि विश्वविद्यालय से आम के पौधे की खरीद की जा रही है। जिससे यहां हर साल 10 हेक्टेयर भूमि में 4 हजार आम के पौधे लगाये जा रहे हैं। ये आम के पौधे 2 से 3 साल में ही फल देना शुरू कर देते हैं। इसके अलावे यहां बाग उत्थान योजना की भी शुरूआत की गई है। जिससे जुडने के लिए 20 हजार से अधिक किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किये हैं। यहां आम का पौधरोपण जून महीने में शुरू की जाती है। इधर जिला सांख्यिकी पदाधिकारी हरे राम प्रसाद ने बताया कि जिले में हर साल क्रॉप कटिंग व सर्वे के जरिये आम के उत्पादन का लक्ष्य तय होता है। इस साल यहां करीब 55 हजार एमटी आम के उत्पादन की संभावना है। सांख्यिकि विभाग के आंकडों के मुताबिक जिले में आम की खेती का दयारा बढ रहा है। यहां के कई किसान पारंपरिक खेती को छोड कर आम के बाग लगाकर आम का उत्पादन कर रहे हैं।
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