अमरपुर में नहीं है डिग्री कॉलेज, उच्च शिक्षा के लिए भटकते हैं छात्र
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- विपिन कुमार सिंह अमरपुर (बांका), निज संवाददाता बांका जिले का अमरपुर प्रखंड कई मामलों में जिले के सबसे
अमरपुर (बांका), निज संवाददाता। बांका जिले का अमरपुर प्रखंड कई मामलों में जिले के सबसे विकसित प्रखंडों में गिना जाता है, लेकिन जब बात शिक्षा की आती है, तो यहां की स्थिति निराशाजनक है। खासकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अमरपुर के छात्र-छात्राओं को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अमरपुर में दो इंटर कॉलेज - एचकेबी कॉलेज और शाहपुर कॉलेज लंबे समय से इंटर तक की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, लेकिन डिग्री कॉलेज न होने के कारण इंटर के बाद छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ता है। पहले अमरपुर के हाई स्कूलों में केवल दसवीं कक्षा तक ही पढ़ाई होती थी। दसवीं पास करने के बाद छात्र इंटर की पढ़ाई के लिए स्थानीय कॉलेजों में नामांकन कराते थे। हालांकि, सरकार द्वारा सभी हाई स्कूलों में इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था कर दी गई, जिससे इंटर स्तर तक की शिक्षा आसान हो गई। लेकिन इंटर के बाद की पढ़ाई के लिए अब भी कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। अमरपुर प्रखंड में 19 पंचायत और एक नगर पंचायत है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी के बावजूद यहां एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। डिग्री कॉलेज की अनुपस्थिति के कारण हर साल हजारों छात्र आगे की पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। जिन छात्रों का सपना होता है कि वे स्नातक कर अच्छी नौकरियां पाएं, उनके लिए आगे की पढ़ाई एक बड़ी चुनौती बन जाती है। अमरपुर क्षेत्र के कई छात्र इंटर के बाद अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं। कुछ छात्र मजबूरी में खेती-बाड़ी या अन्य छोटे-मोटे कामों में लग जाते हैं। मध्यम वर्गीय परिवार किसी तरह से अपने बच्चों को भागलपुर, बांका या अन्य शहरों में भेजकर पढ़ाई करवा सकते हैं, लेकिन गरीब परिवारों के लिए यह संभव नहीं होता। खासकर बेटियों की उच्च शिक्षा सबसे ज्यादा प्रभावित होती है, क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें दूर भेजने से हिचकिचाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अपने बेटों को तो किसी तरह बाहर पढ़ने भेज देते हैं, लेकिन लड़कियों के मामले में सुरक्षा, खर्च और अन्य दिक्कतों के कारण उनकी पढ़ाई अधूरी रह जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमरपुर में डिग्री कॉलेज नहीं खुलने के पीछे जनप्रतिनिधियों की उदासीनता जिम्मेदार है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक और सांसद केवल सड़क, पुल-पुलिया बनाने को ही विकास मानते हैं, लेकिन शिक्षा को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जाती। आजादी के बाद से अब तक अमरपुर में डिग्री कॉलेज न खुलना इस बात का प्रमाण है कि जनप्रतिनिधियों ने कभी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। अमरपुर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों, जैसे कुशमाहा पंचायत के मैनमा, पाटकी, चांदपुर, गरीबपुर पंचायत के डुमरिया, संग्रामपुर, कामदेवपुर, धर्मराय, हेमराजपुर, विक्रमपुर आदि गांवों के छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इन इलाकों में हाई स्कूलों में इंटर तक की पढ़ाई की सुविधा तो मिल जाती है, लेकिन स्नातक की पढ़ाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। यहां के छात्र इंटर पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बाहर जाने की स्थिति में नहीं होते, जिससे वे या तो पढ़ाई छोड़ देते हैं या फिर खेती और मजदूरी करने लगते हैं। स्थानीय लोगों को एचकेबी कॉलेज और शाहपुर कॉलेज से उम्मीद थी कि इन्हें डिग्री कॉलेज की मान्यता मिलेगी, लेकिन दशकों बीत जाने के बाद भी यह उम्मीद पूरी नहीं हो सकी। हर साल सैकड़ों छात्र इस कमी का खामियाजा भुगतते हैं। छात्राओं के लिए तो यह स्थिति और भी मुश्किल हो जाती है क्योंकि उन्हें पढ़ाई जारी रखने के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है। अमरपुर में डिग्री कॉलेज नहीं होने के कारण बेटियों की शिक्षा पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। अभिभावक कहते हैं कि अगर वे अपनी बेटियों को भागलपुर या बांका भेजते भी हैं, तो परीक्षा केंद्र कहीं और दिया जाता है, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है। कई बार लंबी दूरी और सुरक्षा कारणों से छात्राओं को आगे की पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। अमरपुर के लोग पिछले पांच दशकों से इसे अनुमंडल का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। अनुमंडल बनने से अमरपुर में एक डिग्री कॉलेज खोलना आसान हो सकता है। बांका जिले में केवल एक ही अनुमंडल (बांका अनुमंडल) है, जबकि अमरपुर के लोगों की संख्या और क्षेत्र को देखते हुए इसे एक अलग अनुमंडल बनाया जाना चाहिए। यदि सरकार इस मांग को मान लेती, तो अमरपुर में डिग्री कॉलेज खोलना भी संभव हो जाता। क्षेत्र के लोगों ने स्थानीय विधायक सह भवन निर्माण मंत्री जयंत राज और बांका सांसद गिरिधारी यादव से मांग की है कि वे अमरपुर में डिग्री कॉलेज खोलने के लिए पहल करें। उनका कहना है कि अगर मेडिकल कॉलेज खोलने की बातें की जा सकती हैं, तो पहले यहां डिग्री कॉलेज खोलना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि बिना स्नातक की पढ़ाई के मेडिकल कॉलेज का कोई औचित्य नहीं होगा। अमरपुर के लोगों ने सरकार से मांग की है कि अमरपुर में जल्द से जल्द डिग्री कॉलेज की स्थापना हो ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर न जाना पड़े। सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा के महत्व को समझे और इस दिशा में ठोस कदम उठाए। यदि अमरपुर में डिग्री कॉलेज खुलता है, तो यह क्षेत्र के हजारों छात्रों के भविष्य को संवार सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी कुंदन कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग का नियम है कि अनुमंडल स्तर पर डिग्री कॉलेज होना चाहिए। अन्य जगहों पर कॉलेज खोलने का निर्णय सरकार लेती है। अनुमंडल में डिग्री कॉलेज न होने की स्थिति में ही शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेज खोला जा सकता है। अमरपुर में कॉलेज खोलने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।
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