खाद कारोबार के प्रति युवाओं का बढ़ा रुझान
पश्चिम चंपारण जिले में उर्वरक कारोबार में युवाओं की रुचि बढ़ी है। कृषि विभाग ने 2023-24 में 500 से अधिक उर्वरक लाइसेंस जारी किए हैं, जिससे बेरोजगार युवकों को रोजगार मिला है। इससे न केवल स्थानीय...
बेतिया। पश्चिम चंपारण जिले में उर्वरक कारोबार के प्रति युवाओं का रुझान बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2023- 24 में 500 से ज्यादा उर्वरक लाइसेंस देकर कृषि विभाग ने युवाओं को रोजगार देने का काम किया है। इससे न किसानों को अपने ही पंचायत में उर्वरक उपलब्ध हुआ है। बल्कि 500 से ज्यादा परिवारों को रोजगार मिला है। दो साल पहले पश्चिम चंपारण जिले में 945 उर्वरक विक्रेता थे। लेकिन हाल के दिनों में उर्वरक अनुज्ञप्ति लेने में कृषि विभाग के द्वारा नियमों में ढिलाई देने से बेरोजगार युवकों को उर्वरक कारोबार के प्रति ललक बढ़ी है। इसमें से अधिकांश युवा उर्वरक कारोबार के साथ-साथ कृषि को अपना मुख्य पैशा मानकर जीविकोपार्जन कर रहे हैं। इससे युवाओं का पलायन रुका है। साथ ही इंटीग्रेटेड फार्मिंग को बढ़ावा मिला है। जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार राय की मानें तो कृषि के क्षेत्र में बेहतर करने की असीम संभावनाएं हैं। इंटीग्रेटेड फार्मिंग के माध्यम से आज जिले के किसान मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, बागवानी फसलों की खेती, मशरूम की खेती के साथ-साथ गन्ने, मक्का, धान, मोटे अनाज, तेलहनी और दलहनी फसलों का उत्पादन करके पश्चिम चंपारण जिले को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। आने वाले दिनों में सभी उर्वरक कारोबारी के पास किटनासी और बीज का भी लाइसेंस होगा। ताकि किसानों को अपने ही गांव और पंचायत में आसानी से उर्वरक के साथ-साथ कृषि इनपुट मिल सके। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले उर्वरक लाइसेंस लेने के लिए बॉटनी और केमिस्ट्री विषय में स्नातक होना जरूरी था। लेकिन, अब सरकार ने 15 दोनों का प्रशिक्षण देकर लाइसेंस दे रही है।
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