ब्लैक स्पॉट बने पुल को ग्रामीणों ने श्रमदान से करायी मरम्मत
बगहा के पिपरा ढंढी में ग्रामीणों ने 60 वर्ष पुराने पुल की मरम्मति की, जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनता था। पुल में बड़ा होल था, जिससे वाहन फंस जाते थे। ग्रामीणों ने मिलकर श्रमदान और अर्थदान से पुल की...
बगहा। ‘ जब कोई साथ नहीं देता तो रोते क्यों हो, सहारा दूसरों का ढूंढते क्यों हो, आस पकड़ किसी की चलते क्यों हो ...तब थाम लो अपना ही हाथ, भरो बिन पंखों के उड़ान। कवि गूंजन की इन पक्तियों को संबल बना पिपरा, ढंढी के लोगों ने दुर्घटना का निमंत्रण कार्ड बने पुल की मरम्मति कर दी। ब्लैक स्पॉट के रूप में तब्दील इस पुल पर रोज ही दुर्घटनाएं होती थी, अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि किसका दरवाजा नहीं खटखटाया, लेकिन व्यर्थ। हम बात कर रहे हैं बगहा-2 प्रखंड के पिपरा ढंढी के पास तिरहुत नहर के 133 आरडी पर बने पुल की। करीब 60 वर्ष पुराने पुल के बीच में बड़ा सा होल हो गया था, जिसमें रोज कोई न कोई वाहन का पहिया फंस ही जाता था। जिससे दुर्घटनाएं होना लाजिमी सा हो गया था। साइकिल व बाइक का पहिया तो फंसने के बाद सीधा मैकेनिक के पास ही जाता था। ऐसे में पिपरा, ढंढी आदि गांव के ग्रामीणों ने अपने स्तर पर इस पुल की मरम्मति करने का बीड़ा उठाया। ग्रामीण शंभूनाथ शुक्ल, गजेन्द्र यादव, रामायण पासवान, पप्पू साह, श्रवण राम, रामधनी यादव, रूदल चौधरी, चंदन पड़ित, छोटेलाल राम , सुधाकर शर्मा ,एकबाली यादव, मुलदेव चौधरी आदि ने बताया कि सभी ने मिलकर यह निर्णय लिया कि इस होल को भरा जाय। किसी ने अर्थदान किया तो किसी ने श्रमदान और इस पुल की मरम्मत की गयी। उनलोगों ने बताया कि पुल इतना जर्जर सा हो गया है कि इसका छत भी नीचे से गिर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि जिला के सम्बंधित छोटे बड़े सभी अभियन्ताओं को इस पुल के स्थिति से अवगत कराने के बावजूद भी कोई असर नही पड़ रहा है। यह पुल लगभग 70 गांवों को बगहा शहर से जोड़ता है और बगहा बजार के लोगों को भी गांव से जोड़ता है। इतना ही नहीं खेती, इलाज, पढ़ाई, दवाई, बजार हाट, रोजगार जैसे कई आवश्यक कार्यों के लिए यह पुल सहायक है।
इन गांवों को जोड़ता है बगहा से यह पुल:
पिपरा, समरकोल, सेरहवा, अहिरवलिया, बिसुनपुरवा, कुम्हिया, बनचहरी, भतौड़ा, सिकटिया, ढंढ़ी, तुर्की, मच्छरगांवा, खिरिया, गुरवलिया, मटियरिया, जितपुर, बिरती टोला, बंजरिया, खुरखुरवा, बजड़ा, परतापपुर, चमवलिया, लखनिया, भरवलिया, रमवलिया, सावना शामिल है। इसके साथ ही सुभाष नगर, पैकवलिया, मर्जादपुर, पिपरा, महुवा, सपही, बलकहवां पकड़ीहार, बरौरा टोला, नवका टोला, भुरहवा टोला , बैरागी सोनबरसा, बलकहवा, बरियरवा, मदरहनी, बेलवा, हरिहरपुर है। वृन्दावन, संतपुर, बलुवहवा, बरवा, महिपुर, लखनिया, सिरिसिया, पाकड़गांव, फारम टोला, पिपरढ़ारी, गोपवलिया, तोनवा, बेलवा, बैठलिया, खरहट , भोलापुर, मंझरिया, खरपोखरा, नवकाटोला डीह , तरकुलहां, कचहरी टोला, केरई, सेमरहनी, गंगवलिया , चरहिया, टिकुलिया, ढ़ोलबजवा, लक्षमीपुर , डरिया, बरवाफार्म ,मुसहरटोली, महिपुर, बिनवलिया, पोखरभिंडा, नरवल, बोरवल आदि गांवों को जोड़ता है।
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